Karwa Chauth 2021: करवा की थाली बांटकर महिलाएं गाती है ये गीत, जानें कैसे होता है पंजाबियों का करवा चौथ
- करवा चौथ पर सभी महिलाएं एक स्थान पर इकठ्ठा होकर एक दूसरे से करवा की थाली बांटकर गाती हैं करवा का गीत. वहां मौजूद पंडित जी सभी महिलाओं को सुनाते है करवा चौथ की कथा. ‘वीरा कुड़िए करवड़ा, सर्व सुहागन करवड़ा’ गाकर मनाती है करवा चौथ.

लखनऊ. करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति के बेहतर स्वास्थ्य व लंबी उम्र के लिए रखती हैं. करवा चौथ का इंतजार महिलाएं बेसब्री से इंतजार करती हैं. इस बार करवा चौथ का व्रत रविवार 24 अक्टूबर को रखा जाएगा. ये पर्व साल के कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है. इसे करक-चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में महिलाएं सूर्योदय से पहले सुबह चार बजे के करीब शिव-परिवार की पूजा करके व्रत का संकल्प लेती हैं. सभी जगहों पर अलग-अलग तरीके से करवा चौथ मनाया जाता है.
पंजाबियों में महिलाएं नहा-धोकर सबसे पहले सासू मां के लिए बया निकालती हैं. ‘बया’ यानी एक थाली में फल, मिठाई, नारियल, कपड़े और सुहाग का सामान रिबन, चूडिय़ां, मेहंदी, सिंदूर, बिंदी आदि रख कर सासू मां को दिया जाता है और उनके पांव छूकर आशीर्वाद लिया जाता है. सरगी में फल, मिठाई वगैरह सासू मां की तरफ से और लड़की के मायके की तरफ से भी भेजे जाते हैं. इसके बाद सरगी खाकर सूर्योदय से निर्जला व्रत शुरू हो जाता है जिसका पालन चंद्रोदय के बाद होता है. चांद देखकर पत्नी अर्घ्य देकर पति के हाथों जल ग्रहण करती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करती है.
पंजाबी महिलाएं करवा खेलती हैं:
करवा चौथ की रात सभी महिलाएं सज-धज कर एक स्थान पर इकठ्ठा होती हैं. एक जगह पर बैठकर एक दूसरे से पूजा की थाली बांटती हैं और करवा के गीत गाती हैं. इस दौरान पंडित जी महिलाओं को करवा चौथ की कथा सुनाते हैं.
वीड़ा कुड़िए वाला गीत गाकर मनाती हैं करवा:
वीरा कुड़िए करवड़ा, सर्व सुहागन करवड़ा,
ए कटी न अटेरीं न, खुंब चरखड़ा फेरीं ना,
ग्वांड पैर पाईं ना, सुई च धागा फेरीं ना,
रुठड़ा मनाईं ना, सुतड़ा जगाईं ना,
बहन प्यारी वीरां, चंद चढ़े ते पानी पीना,
लै वीरां कुडि़ए करवड़ा, लै सर्व सुहागिन करवड़ा
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