दीपावली पर इन मंत्रों का करें जाप, जिससे 12 महीने रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा
- 4 नवंबर को इस बार दिवाली का त्योहार पड़ रहा है. धनतेरस से लेकर भाई दूज तक लोग पूजा पाठ में मगन रहते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि 10 मंत्र मां लक्ष्मी की ऐसे हैं जिनके उच्चारण से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर 12 महीने तक बनी रहेगी.
लखनऊ. दिवाली पर मां लक्ष्मी की खास तौर पर पूजा की जाती है. 4 नवंबर को इस बार दिवाली का त्योहार पड़ रहा है. धनतेरस से लेकर भाई दूज तक लोग पूजा पाठ में मगन रहते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि 10 मंत्र मां लक्ष्मी की ऐसे हैं जिनके उच्चारण से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर 12 महीने तक बनी रहेगी. जानिए उन मंत्रों के बारे में यहां.
1: मां के सामने हाथ जोड़कर इस मंत्र का करें जाप।
सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम ।
सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ।।ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ।।
2: मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा माता को दुर्वा चढ़ाएं ।
क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि ।
3: इस मंत्र के द्वारा सफेद चावल मां लक्ष्मी को चढ़ाएं ।
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः ।
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, अक्षतान समर्पयामि ।।
4: इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को कमल या गुलाब के फूलों की माला चढ़ाएं ।
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो ।
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, पुष्पमालां समर्पयामि ।।
5: इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को कुछ आभूषण चढ़ाएं ।
त्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिकानि च ।
सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः ।
ॐ क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।
अभूतिमसमृद्धि च सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, आभूषण समर्पयामि ।।
6: इस मंत्र के द्वारा माता लक्ष्मी को लाल व गुलाबी वस्त्र चढ़ाएं।
दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् ।
दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ।।
ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ।।
7: इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को स्नान के भाव से गाय का घी चढ़ाएं ।
ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा ।
दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः, घृतस्नानं समर्पयामि ।
8: पूजा में इस मंत्र के द्वारा माता को शुद्ध जल चढ़ाएं ।
मंदाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः ।
स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः ।।
ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि ।
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