नए साल 2022 में Google पर भूलकर भी सर्च न करें ये 5 चीज, वरना जाना पड़ेगा जेल

Smart News Team, Last updated: Mon, 3rd Jan 2022, 1:10 PM IST
  • हम जरूरत से लेकर मनोरंजन के लिए गूगल में कुछ न कुछ चीजें सर्च करते रहते हैं. लेकिन गूगल समय समय पह अपनी पॉलिसी में बदलाव करता है. नए साल 2022 में आप गूगल पर खबर में बताए गए इन पांच चीजों को सर्च करने से बचें. क्योंकि इससे आपको जेल भी जाना पड़ सकता है. आइये बताते हैं क्या है वो 5 चीजें.
गूगल पर ये चीजें सर्च करना पड़ेगा भारी

गूगल एक ऐसा प्लेटफॉर्म पर जहां कोई भी अपने जरूरत के हिसाब के कुछ भी सर्च कर सकता है. लेकिन गूगल अपनी पॉलिसी समय समस पर अपडेट करता है. साथ ही गूगल सिक्योरिटी को लेकर सतर्क रहता है. आपको अगर ऐसा लगता है कि आप कुछ भी सर्च कर रहे हैं और वो सिर्फ आप तक ही सीमित है तो आप गलत है. गूगल के पास हर चीज का रिकॉर्ड होता है. नए साल 2022 में आपको गूगल पर इन 5 चीजों को सर्च करना भारी पड़ सकता है. यहां तक कि इसके लिए आपको जेल भी हो सकती है.

1. गर्भपात कैसे करें- गर्भपात करने के तरीके को कभी भी गूगल पर सर्च नहीं करें. क्योंकि गर्भपात गैरकानूनी है और कभी भी बिना डॉक्टर की इजाजत के गर्भपात नहीं कराना चाहिए या फिर इसे लेकर सर्च नहीं करना चाहिए. ये ना सिर्फ कानूनी अपराध है बल्कि इससे जान को भी खतरा होता है. इसलिए ऑनलाइन गर्भपात कराने की विधि या तरीके को न ढूंढे इससे जेल जाना पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट में ऐसे कई मामले सामने आए, जिसमें अन्य कारणों से गर्भपात कराने की मां की गई. सुप्रीत कोर्ट की ओर से किसी बीमारी से पीड़ित महिला को सिर्फ डॉक्टर की इजाजत से ही गर्भपात कराने को कहा गया.

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2.चाइल्ड पोर्न- चाइल्ड पोर्न को गूगल पर कभी भी सर्च न करें. क्योंकि चाइल्ड पोर्न को लेकर भारत सरकार काफी सख्त है. इसे सर्च करना या देखना पूरी तरह से गैरकानूनी है. पास्को एक्ट 2012 सेक्शन 14 के तहत चाइल्ड पोर्न देखना और शेयर करना दोनों की अपराध है. ऐसा करने पर आपको 5-7 साल की सजा हो सकती है.

3. ऑनलाइन ट्रोलिंग- किसी के साथ छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता का नाम या उसकी फोटो को शेयर करना भी गैरकानूनी है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से इसे गैरकानूनी करार दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के मुताबिक 'कोई भी व्यक्ति प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया आदि किसी भी प्लेटफॉर्म से छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार पीड़िता की पहचान जाहिर नहीं कर सकता. ऐसे में भूलकर भी सोशल मीडिया पर पीड़िता का नाम या चेहरा उजागर न करें .

4.प्राइवेट फोटो वीडियो- गूगल या किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिना इजाजत निजी की फोटो या वीडियो शेयर न करें ये कानूनी अपराध है. ऐसा करने वाले को साइबर क्राइस की धारा के तहत अपराध का प्रावदान है.

5.फिल्म पाइरेसी- किसी फिल्म या गाने को रिलीज से पहले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लीक करना या रिलीज से पहले उसे डाउनलोड करना या सिनेमाघरों में फिल्म रिकॉर्ड कर बिजनेस करना भी अपराध है. पीएम मोदी सरकार में यूनियन कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में संशोधन मंजूर कर लिया है. कैबिनेट के नए फैसलों में फिल्म पाइरेसी को गंभीर अपराध माना जाएगा. ऐसा करने वाले को 3 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना देना होगा.

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