किसानों को मायूस कर सकता है हथिया नक्षत्र, गिर सकते हैं बालियों से लदे धान

Smart News Team, Last updated: Fri, 25th Sep 2020, 8:31 PM IST
  • लखनऊ. मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार से बारिश का सिलसिला थम जाएगा, बादलों की आवाजाही रहेगी. कृषि विभाग के अनुसार हथिया नक्षत्र में हवा के साथ बारिश की संभावना रहती है, इस बार बारिश के आसार कम. किसानों को बरतना होगा एहतियात नहीं तो खेतों में गिर जाएंगे बालियों से लदे धान
प्रतीकात्मक तस्वीर 

लखनऊ। हर वर्ष हथिया नक्षत्र में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश देखने को मिलती है लेकिन इस बार किसानों को मायूसी हाथ लग सकती है.

मौसम विभाग के अनुसार इस बार हथिया नक्षत्र में कम बारिश होने की संभावना है लेकिन बादलों की आवाजाही बनी रहेगी. साथ में हवा के तेज झोंके की संभावना भी बन रही है.

ऐसे में यदि बारिश होती है तो खेतों में लहलहा रहे धान की फसलें गिर जायेंगी. जिससे किसानों के हाथ मायूसी लग सकती है. इसलिए किसानों को एहतियात के रूप में सिंचाई से बचना होगा. ऐसे किसान जिनके पास सिंचाई के साधन नहीं हैं, हथिया नक्षत्र लगने की बाट जोह रहे हैं.

माना जाता है खेतों के लिए इस नक्षत्र के दौरान होने वाली बारिश बहुत लाभकारी साबित होती है. ज्योतिषियों की मानें तो 27 सितंबर से हथिया नक्षत्र लग रहा है, लेकिन मौसम विभाग फ़िलहाल अगले आठ- दस दिन अच्छी बारिश का योग नहीं बता रहा है. विभाग के अनुसार बादलों की आवाजाही तो रहेगी लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा ज्यादातर स्थानों में बारिश की संभावना कम है. कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है.

लंबे अरसे के बाद बीते दो-तीन दिन से बारिश की झड़ी लगी जिससे मौसम खुशगवार हो गया. इससे किसानों को भी बड़ी राहत मिली. कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रहा. राजधानी में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे तक कुल 40.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई.

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मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं कि शुक्रवार से बारिश का सिलसिला थम जाएगा. बादलों की आवाजाही रहेगी. वहीं प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बारिश हो सकती है. खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश की संभावना है. जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है.

कृषि विभाग के उपनिदेशक सीपी श्रीवास्तव बताते हैं कि हथिया नक्षत्र में हवा के साथ बारिश की संभावना रहती है इसीलिए किसानों को एहतियात बरतने की सूचना दी गई है क्योंकि तेज हवा चलने से धान जिसमें बाली आ चुकी है, पलटने का खतरा रहता है.

वहीं ऐसे किसान जो नलकूपों से सिंचाई करते हैं उनसे भी कहा गया है कि खेतों में पानी न भरें. वह कहते हैं कि फिलहाल दो-तीन दिन से अच्छी बारिश हुई है इसलिए सिंचाई की जरूरत भी नहीं पड़ी है। देखना यह होगा हथिया नक्षत्र में मानसून मेहरबान होता है अथवा नहीं.

गुरुवार को राजधानी में अधिकतम तापमान सामान्य के मुकाबले 6.8 डिग्री लुढ़क गया. अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.

वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 24.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. गोरखपुर में गुरुवार को 43 मिलीमीटर, बहराइच में 30.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. वहीं राजधानी में आठ मिलीमीटर बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुसार अगले एक हफ्ता मानसूनी गतिविधियां कम रहने की उम्मीद है.

 

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