Holashtak 2022: 10 मार्च से होलाष्टक शुरू, फाल्गुन पूर्णिमा तक नहीं होंगे ये शुभ काम

Pallawi Kumari, Last updated: Mon, 7th Mar 2022, 8:54 AM IST
  • होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. हालांकि पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों पर कोई मनाही नहीं होती.  इस साल होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो रहा है, जोकि 17 मार्च होलिका दहन के बाद खत्म होगा.
होलाष्टक (फोटो-लाइव हिन्दुस्तान)

होलाष्टक शब्द होली और अष्टक से मिलकर बना है, जिसका मतलब होता है होली के आठ दिन. यानी होली से एक दिन पहले फाल्गुन अष्टमी के दिन होलिका दहन तक पूरे 8 दिनों तक होलाष्टक रहता है. इस साल होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो रहा है जोकि 17 मार्च तक रहेगा. होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक कोईई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं क्योंकि ये समय शुभ नहीं माने जाते. लेकिन जा-पाठ के लिए ये समय अनुकूल होता है. इसलिए धार्मिक कार्यों पर कोई रोक नहीं होती.

क्या है कारण- होलाष्टक में शुभ कार्यों के करने पर वर्जित होने का कारण भक्त प्रह्लादऔर कामदेव से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि राजा हिरण्यकश्यप वे बेटे प्रह्लाद को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि से होलिका दहन तक कई तरह की यातनाएं दी थीं. वहीं भगवान शिव ने कामदेव को फाल्गुन शुक्ल के अष्टमी को अपने क्रोध से अग्नि में भस्म कर दिया था. इन सभी कारणों से ही होलाष्टक की तिथियों में हिंदू धर्म से जुड़े लोग शुभ कार्य नहीं करते हैं.

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क्या है होलाष्टक- कहा जाता है कि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक सूर्य, चंद्रमा, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु जैसे 8 ग्रह उग्र रहते हैं. इसलिए होलाष्टक के दिनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान-वाहन की खरीदारी आदि कार्य नहीं करने चाहिए.

इन कामों पर होती है मनाही- होलाष्टक से लेकर होलिका दहन तक यानी 10 मार्च से लेकर 17 मार्च तक विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई जैसे 16 संस्कार नहीं करने चाहिए. नए मकान का निर्माण कार्य और गृह प्रवेश भी नहीं करना चाहिए. नए मकान, वाहन, प्लॉट या दूसरे प्रॉपर्टी की खरीदारी से भी बचना चाहिए.

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