होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि, इस मंत्र का जाप करना होगा लाभकारी

Smart News Team, Last updated: Sun, 28th Mar 2021, 12:20 PM IST
  • होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में जलाई जाती है. होलिका दहन कभी भद्रा के समय नहीं किया जाता है. इस बार दोपहर में 1:53 बजे भद्रा के समाप्त होने के बाद शाम को 6:37 बजे से 8:56 बजे के बीच होलिका दहन करने का शुभ मुहूर्त है.
होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि, इस मंत्र का जाप करना होगा लाभकारी

लखनऊ. 28 मार्च यानी आज होलाष्टक की समाप्ति हो रही है. वहीं प्रदोष काल में आज शाम के समय होलिका दहन किया जाएगा. जिसके अगले दिन लोग रंगों के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ होली खेलेंगे. लेकिन होलिका दहन शुभ मुहूर्त पर करने की ही सलाह दी जाती है. होलिका दहन कभी भी भद्रा के समय नहीं किया जाता है. इस बार दोपहर में 1:53 बजे भद्रा समाप्त हो जाएगी. जिसके बाद प्रदोष काल में शाम को 6:37 बजे से 8:56 बजे के बीच होलिका दहन किया जा सकेगा. 

होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले होलिका दहन के स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर ले. इसके बाद वहाँ सूखे उपले, लकड़ी व घास रखकर पूर्व दिशा की तरह मुख करके बैठें. इसके बाद भगवान नरसिंह की पूजा करें. आप चाहें तो गाय के गोबर से प्रहलाद व होलिका की प्रतिमा बनाकर उसकी भी पूजा कर सकते है. पूजा के समय एक लोटा जल, माला, चावल, बताशे, गुलाल, रोली, गंध, मूंग, सात प्रकार के अनाज, फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, होली पर बनने वाले पकवान व नारियल को रखें.

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होलिका दहन की पूजा के समय नई फसल जैसे चने एवं गेहूं की बालियां भी रखी जाती हैं. सभी सामग्रियों को रखने के बाद कच्चे सूत को होलिका के चारों तरफ तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटें. इसके बाद होलिका दहन की अग्नि में सभी सामग्रियों को अर्पित कर दें. इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें-अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः । अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्. पूजन के बाद अर्घ्य देना न भूलें.

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ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्रा के अनुसार होली पूजन का शुभ समय दोपहर 2:58 बजे से 5:14 बजे तक बहुत शुभ रहेगा. इसके बाद शाम 5:22 बजे से 7:37 बजे तक का मुहूर्त शुभ रहेगा. होली के दिन सुबह के समय नित्य कार्यों को पूरा करने के बाद पितरों एवं देवताओं का पूजन करें. पूजा के वक्त होलिका की राख की वंदना करें और उसे अपने शरीर में लगाकर मां पृथ्वी को प्रणाम करें. इसके बाद सभी पितरों को नमन करते हुए अपने जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें.

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इस बार होलिका दहन की एक खासियत भी है. इस बार होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग लगा हुआ है. यह सभी योगों में सर्वोत्तम योग होता है. 28 मार्च की सुबह 6:08 बजे से शुरू होकर 30 घंटे 07 सात मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. वहीं अमृत सिद्धि योग शाम 5:33 बजे से शुरू होकर 30 घंटे 13 मिनट तक रहेगा. यह दिन नौकरी करने वालों के लिए बेहद शुभ रहेगा.

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