अगर भगवान विष्णु को करना है प्रसन्न तो बृहस्पतिवार को इस विधि से करें पूजा

Smart News Team, Last updated: Thu, 1st Jul 2021, 8:46 AM IST
  • बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. लेकिन इस व्रत के दौरान पूजा पाठ करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद ही जरुरी होता है
गुरुवार की पूजा विधि

भगवान विष्णु को जगत का पालनहार माना जाता है. सम्मपूर्ण सृष्टि का संचालन विष्णु जी ही करते हैं. ऐसे में भगवान विष्मु की उपासना के लिए बृहस्पतिवार या गुरुवार का दिन बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है. अगर इस दिन कोई अपने घर मं भगवान विष्णु की पूजा पाठ करता है तो उससे घर में समृद्धि आती है. अगर किसी को मनोवांछित फल प्राप्त करना होता है तो वो बृहस्पति स्वरूप भगवान विष्णु की इस दिन पूजा करता है और व्रत रखता है. इसके साथ ही अगर विवाह में कोई बाधा आ रही है तो उसे दूर करने के लिए भी बृहस्पति देव की पूजा अर्चना की जाती है.

भगवान विष्णु की बृहस्पतिवार को आखिर क्यों पूजा की जाती है?

देवताओं के गुरु बृहस्पति को बहस्पतिवार का दिन समर्पित रहता है. इसलिए इस दिन को गुरुवार या फइर बहस्पतिवार कहा जाता है. एक पौराणिक मान्यता पर गौर करें तो बृहस्पतिवार को ही पक्षियों में सबसे भारी यानी गुरू गरूड़ देव ने भगवान विष्णु की शरण कठिन तप से प्राप्त की थी. तभी से भगवान विष्णु की पूजा के लिए बृहस्पिवार का दिन सबसे खास माना जाने लगा. 

गुरुवार की पूजन और व्रत विधि

हल्दी, गुड़, चना दाल और पीले रंग का वस्त्र अर्पित करते हुए गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की शुरूआत करनी चाहिए. पीला रंग भगवान विष्णु को बेहद ही पसंद है. ऐसे में अगर आप पीले रंग के वस्त्र को पहन उनका पूजन करते हैं तो ये और भी ज्यादा लाभदायक होगा. इतना ही नहीं बल्कि इस दिन केले के पौधे की पूजा भगवान विष्णु स्वरूप मान कर की जाती है. इस दिन पीले फल और वस्तुओं का दान देना चाहिए. बृहस्पति देव की व्रत कथा का इस दिन पाठ करना चाहिए और व्रत दिन भर फलहार करते हुए रखना चाहिए.

गुरुवार पूजन और व्रत का महत्व

अगर श्रद्धापूर्वक भगवान विष्मु की पूजा- अर्चना गुरुवार के दिन की जाए तो उससे घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है. साथ ही अगर आपके मन में कोई इच्छाएं होती है वो भी पूर्ण हो जाती है. इतना ही नहीं अगर किसी के विवाह में कोई बाधा आ रही है तो उसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की एक साथ पूजा करनी चाहिए. जो इस दिन पूजा पाठ करता है उसके ज्ञान में वृद्धि होती है.

 

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें