लखनऊ के नैमिष चक्र तीर्थ स्थल पर ही गिरी थी भगवान विष्णु के चक्र की नैमी

Smart News Team, Last updated: Wed, 4th Aug 2021, 9:13 AM IST
  • नैमिषारण्य लखनऊ से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह तीर्थ स्थल गोमती नदी के तट पर बायीं और स्थित है. कहा जाता है कि यह वही तीर्थ स्थल है, जहां भगवान विष्णु के चक्र की नैमी गिरी थी.
नैमिषारण्य को लेकर यह माना जाता है कि महर्षि शौनक के मन में दीर्घकाल व्यापी ज्ञानसत्र करने की इच्छा थी. (Credit: Lucknow Tourism Official Site)

उत्तर प्रदेश राज्य में ऐसे कई तीर्थ स्थल हैं, जिनसे कोई न कोई खास पौराणिक कथा जरूर जुड़ी हुई है. ऐसा ही एक तीर्थ स्थल है चक्र तीर्थ, जिसे नैमिषारण्य के नाम से भी जाना जाता है. लखनऊ से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह तीर्थ स्थल गोमती नदी के तट पर बायीं और स्थित है. कहा जाता है कि यह वही तीर्थ स्थल है, जहां भगवान विष्णु के चक्र की नैमी गिरी थी.

नैमिषारण्य को लेकर यह माना जाता है कि महर्षि शौनक के मन में दीर्घकाल व्यापी ज्ञानसत्र करने की इच्छा थी. उनकी अराधना से भगवान विष्णु भी खूब प्रसन्न हुए थे और उन्होंने महर्षि शौनक को एक चक्र दिया था. भगवान विष्णु ने कहा था कि इस चक्र को चलाते हुए चले जाओ और जिस स्थान पर चक्र की नेमि नीचे गिर जाए, समझ लेना वह स्थान पवित्र हो गया है. वहीं जब महर्षि शौनक चक्र को वहां से चलाते हुए निकले तो उनके साथ-साथ 88 हजार सहस्त्र ऋषि भी चल दिये.

यहां कई मंदिर बने हुए हैं, इसके अलावा एक सरोवर भी है, जिसका मध्य भाग गोलाकार के रूप में बना हुआ है.(Credit: Lucknow Tourism Official Site)

सभी चक्र के पीछे पीछे चल ही रहे थे कि चक्र अचानक गोमती नदी के किनारे एक वन में चला गया और वहीं उसकी नेमि भी गिर गई. जहां चक्र की नेमि गिरी, वह उसी जगह भूमि में प्रवेश कर गया. उसके बाद से ही उस जगह को नैमिष कहा जाने लगा. यहां कई मंदिर बने हुए हैं, इसके अलावा एक सरोवर भी है, जिसका मध्य भाग गोलाकार के रूप में बना हुआ है. कहा जाता है कि उस जगह से निरंतर जल निकलता रहता है.

नैमिषारण्य आने वाले लोग यहां की परिक्रमा भी करते हैं जो कि 84 कोस की है. यह परिक्रमा हर साल फाल्गुन की अमावस्या से शुरू होकर पूर्णिमा तक पूरी होती है. इसके अलावा यहां पंचप्रयाग सरोवर, ललिता देवी मंदिर, पांडव किला, दशाश्वमेध टीला और सूतजी का स्थान जैसे कई पवित्र स्थान भी मौजूद हैं.

नैमिषारण्य आने वाले लोग यहां की परिक्रमा भी करते हैं जो कि 84 कोस की है.(Credit: Lucknow Tourism Official Site)

कैसे पहुंचें नैमिषारण्य: यूं तो नैमिषारण्य के पास स्थित रेलवे स्टेशन सीतापुर रेलवे स्टेशन है, जो कि देश के कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा इस तीर्थ स्थल के पास मौजूद सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन लखनऊ रेलवे स्टेशन है, जहां से लोग आसानी से नैमिषारण्य पहुंच सकते हैं. वहीं नैमिषारण्य के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट है, जहां से तीर्थ की दूरी करीब 107 किलोमीटर है.

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