लखनऊ: अश्लील वीडियो बनाकर युवाओं को ब्लैकमेल कर रहा गिरोह

Smart News Team, Last updated: Fri, 25th Sep 2020, 8:31 PM IST
  • लखनऊ. ऑनलाइन एप के छलावे में फसकर युवा कर रहे चैट, वीडियो वायरल के नाम पर गिरोह कर रहा ब्लैकमेल. लिंक भेजकर कराया जाता है ऐप डाउनलोड, फिर अश्लील वीडियो चैटिंग से किया जाता है ब्लैकमेल. सैकड़ों युवा यूट्यूब और सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड होने के डर से देते हैं मुंह मांगी रकम
प्रतीकात्मक तस्वीर 

लखनऊ। ब्लैकमेल गिरोह द्वारा युवाओं को लगातार अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जा रहा है. गिरोह ने लॉकडाउन में कमाई का अलग ही जरिया बना रखा है. दरअसल खाली समय में घर बैठे युवाओं को टाइम पास के लिए गिरोह द्वारा लिंक भेजा जाता है. जिसके बाद लिंक के जरिए ऐप डाउनलोड कराया जाता है.

इस ऐप में सारी चैटिंग व वीडियो स्टोर हो जाती है. जहां गिरोह द्वारा लड़कियों के साथ ऑनलाइन अश्लील चैटिंग की जाती है. इसके बाद वीडियो वायरल किए जाने के नाम पर गिरोह द्वारा युवाओं से जमकर धन वसूली की जाती है. वीडियो वायरल होने के डर से युवा मजबूरन पैसे देने के लिए मजबूर हो जाते हैं. दरअसल लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रहकर समय काटने के लिए अलग-अलग तरीके इजाद किए. वहीं, कुछ युवा ऑनलाइन एप्लीकेशन के छलावे में फंस गए.

पिछले कुछ दिनों से राजधानी में ऑनलाइन एप के जरिए हनी ट्रैप का मामला तेजी से सामने आया है. लोगों को अपने जाल में फंसाकर गिरोह उन्हें न केवल मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है बल्कि मोटी रकम भी वसूल रहा है. साइबर क्राइम सेल इस गिरोह को दबोचने का प्रयास कर रही है. हालांकि, अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है.

युवाओं को निशाना बना रहा गिरोह

खास बात यह है कि गिरोह सर्वाधिक युवाओं को निशाना बना रहा है. इसके लिए कई तरह के एप्लीकेशन तैयार किए गए हैं. गिरोह में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. सबसे पहले लिंक भेज कर एप्लीकेशन डाउनलोड करवाया जाता है. इसके बाद लोगों को नार्मल चैट, वीडियो चैट तथा अश्लील चैट समेत अन्य की सूची भेजी जाती है.

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इसके लिए शुल्क भी लिया जाता है. अगर कोई व्यक्ति चैट करने से इनकार करता है तो उसे डेमो दिखाने के नाम पर झांसे में लेते हैं. इसके बाद वीडियो कॉल कर अश्लील तस्वीरें व वीडियो दिखाते हैं. गिरोह इस दौरान स्क्रीन रिकॉर्डर व अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर सामने वाले का वीडियो रिकॉर्ड कर लेता है.

इसके बाद जालसाज युवकों को ब्लैकमेल करना शुरू करते हैं. वीडियो वायरल करने की धमकी देकर लोगों से मोटी रकम मांगी जाती है. अगर कोई व्यक्ति रुपये देने से इनकार करता है तो वह उसका वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर देते हैं. पीड़ितों की शिकायत पर साइबर सेल यूट्यूब पर डाले गए वीडियो को हटवाने और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

ये हैं ऑनलाइन एप, जिन पर की गई शिकायत

साइबर सेल के पास कई लोगों ने शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है.पीड़ितों ने कुछ एप्लीकेशन के नाम भी दिए हैं. इनमें टिंडर, मीका, फ्रेंड्स और स्ट्रेंजर नाम के एप शामिल हैं. साइबर सेल ने लोगों से इस तरह के एप्लीकेशन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है

दरअसल, हनी ट्रैप के शिकार डर के कारण इस बारे में किसी को नहीं बताते हैं और गिरोह की मांग पूरी करते रहते हैं. हालांकि गिरोह की मांग बढ़ती जाती है, जिसके बाद वह परेशान होकर पुलिस के पास जाते हैं.

 

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