1 से 7 मार्च तक अगले एक हफ्ते पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, पहले से कर लें तैयारी

Pallawi Kumari, Last updated: Mon, 28th Feb 2022, 1:42 PM IST
  • मार्च का महीना कल से शुरू होने वाला है. ये अंग्रेजी कैलेंडर का तीसरा महीना है और फाल्गुन महीना होने के कारण इस हफ्ते कई व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं. मार्च के पहले हफ्ते कई व्रत त्योहार पड़ रहे हैं. आप पहले से इनके बारे में जान कर तैयारी कर सकते हैं.
पूजा पाठ (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

फरवरी का महीना 28 फरवरी आज प्रदोष व्रत के साथ समाप्त हुआ. फरवरी की तरह मार्च महीना भी व्रत त्योहारों से भरा हुआ है. मार्च महीने की शुरुआ पंचक से हो रही है. ये पंचक 1 मार्च से शुरू होकर 5 मार्च तक रहेगा. मार्च के पहले हफ्ते की बात करें इस दौरान कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ने वाले हैं. मार्च की शुरुआत की महाशिवरात्रि पर्व के साथ हो रही है. इसके बाद पूरे एक हफ्ते अमावस्या, विनायक चतुर्थी जैसे कई व्रत त्योहार पड़ने वाले हैं.

01 मार्च 2022, सोमवार (महाशिवरात्रि)- फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्री का त्योहार मनाया जाता है. इस बार 1 मार्च को महाशिवरात्रि पड़ रही है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है.

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02 मार्च, बुधवार (फाल्गुनी अमावस्या)- अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित होता है. शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने, दान और तर्पन के लिए फलदायी होता है. इस दिस दिन स्नान दान करने से ना सिर्फ देवता बल्कि पितृ भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. साथ ही व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है.

04 मार्च, शुक्रवार (फुलैरा दूज, रामकृष्ण परमहंस जयंती) - हर साल फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन फुलैरा दूज पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन मधुरा क्षेत्र में श्री कृष्णा अपनी राधा के संग होली खेलते थे. वहीं इसी दिन रामकृष्ण परमहंस जयंती भी है. इस दिन को स्वामी विवेवानंद के गुरु और मां काली के उपासक रामकृष्ण परमहंस के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

06 मार्च, रविवार (विनायक चतुर्थी)- हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने चंद्र मास में दो चतुर्थी तिथि पड़ती है. चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए समर्पित होता है. इसलिए इसे विनायक चतुर्थी या गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. बता दें कि अमावस्या के बाद पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है.

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