सावन को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह, 13 दिन पहले ही रुद्राभिषेक की बुकिंग फुल

लखनऊ. सावन का महीना शुरू होने से 13 दिन पहले ही शहर के शिवमंदिरों में रुद्राभिषेक की बुकिंग अभी से फुल होने लगी है. भक्त सबसे अधिक बुकिंग सोमवार की करा रहे हैं. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि बीते साल कोरोना महामारी के कारण मंदिरों में भक्त रुद्राभिषेक नहीं कर सके थे जिसके कारण इस बार सावन में रुद्राभिषेक के लिए बुकिंग जल्दी कराई जा रही है.आपको बता दें कि रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रुद्र अवतार की पूजा की जाती है. रुद्राभिषेक के पूजन से सभी ग्रह बाधाओं और परेशानियों का नाश करते हैं. सावन के महीने में रुद्र ही सृष्टि का कार्य संभालते हैं, इसलिए इस समय रुद्राभिषेक अधिक और तुरंत फलदायी होता है.
चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर के सेवादर अनूप वर्मा ने बताया कि 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त को समाप्त होगा. शुक्लपक्ष में नवमी तिथि की हानि होने से इस बार सावन 29 दिन का ही है. सावन माह में 26 जुलाई, 2 अगस्त, 9 अगस्त और 16 को सोमवार पड़ रहा है. वहीं 5 अगस्त और 20 अगस्त को प्रदोष व्रत और 13 अगस्त को नागपंचमी का पर्व है. अधिकांश मंदिरों में इन प्रमुख तिथियों पर रुद्राभिषेक और अन्य पूजन के लिए बुकिंग लगभग फुल हो चुकी है.
आज है शनि अमावस्या, जो लोग हैं साढ़ेसाती से परेशान जरूर करें ये काम
चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर के सेवादर अनूप वर्मा ने बताया कि सावन माह में 52 रुद्राभिषेक की बुकिंग हो चुकी है. सोमवार, प्रदोष और नागपंचमी के दिन अब रुद्राभिषेक के लिए बुकिंग नहीं ली जा रही है. अन्य दिनों के लिए आठ रुद्राभिषेक की बुकिंग और बची है जो कि इस सप्ताह पूरी हो जाएगी. एक दिन में दो रुद्राभिषेक होते हैं. डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरि ने बताया कि सावन माह में मंदिर में रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय पूजन, अभिषेक और श्रृंगार आदि कराने के लिए भक्त बुकिंग करा सकते है.
अगर सोमवार को करेंगे ये उपाय तो बरसेगी भोलेनाथ की कृपा, घर आएंगी लक्ष्मी
राजेंद्रनगर स्थित महाकाल मंदिर में रात दो बजे होने वाली पूजा पूरे सावन माह की बुक हो गई है. सुबह चार बजे होने वाली भस्म आरती चारों सोमवार, प्रदोष और नागपंचमी दिन बुक हो गई है. वहीं मंदिर में 17 रुद्राभिषेक की बुकिंग हो चुकी है. सोमवार को रुद्राभिषेक के लिए बुकिंग अब
अन्य खबरें
260 खंबों पर बनी है लखनऊ की जामा मस्जिद, इमारत पर की गई कारीगरी के लिए है मशहूर
कभी 3000 ब्रिटिश लोगों का शरण स्थल होता था लखनऊ रेसीडेंसी, आज हो चुका है खंडहर
लखनऊ का ‘दिलकुशा कोठी’ जानें कैसे बना आजादी की लड़ाई का हिस्सा
लंदन के बिग बेन के तर्ज पर बिना सहारे के बना है 67 मीटर ऊंचा लखनऊ का घंटाघर