Ekadashi 2022: पुष्ण नक्षत्र में मनेगी रंगभरी एकादशी, इस मंत्र के जाप से मिलेगी शिवजी की कृपा

Pallawi Kumari, Last updated: Fri, 4th Mar 2022, 6:10 PM IST
  • Rangbhari Ekadashi 2022: रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस बार रंगभरी एकादशी पर पुष्प नक्षत्र का योग बन रहा है, जोकि काफी शुभ माना जाता राह है. रंगभरी एकादशी रविवार 14 मार्च 2022 को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ माता पार्वती को कैलाश लेकर पहुंचे थे.
रंगभरी एकादशी (फोटो-सोशल मीडिया)

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रंगभरी एकादशी मनाई जाती है. वैसे तो एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती है. लेकिन रंगभरी एकादशी पर विष्णु जी के साथ भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करने का महत्व होता है. रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन आवले की पेड़ की भी पूजा की जाती है. सभी एकादशी तिथि की तरह रंभगरी एकादशी पर भी स्नान, दान , पूजा और व्रत का महत्व होता है.

रंगभरी एकादशी के दिन एकादशी तिथि 13 मार्च की सुबह 8.40 बजे प्रारंभ हो रही है जोकि अगले दिन सोमवार 14 मार्च सुबह 10.24 बजे तक रहेगी. उदया तिथि होने के कारण 14 मार्च को रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कुंभ राशि में बुध, गुरु व सूर्य तथा मकर राशि में मंगल, शुक्र व शनि का संचरण होगा. पुष्य नक्षत्र और दो राशियों में तीन-तीन ग्रहों का संचरण होने से इस दिन पूजा और व्रत करने वालों को शिवजी की कृपा प्राप्त होगी और उनकी हर मनोकामना पूरी होगी.

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मंत्र और उपाय -रंगभरी एकादशी के दिन पूजा में 'ऊं हौं जूं स: मंत्र का 11 माला जप करना चाहिए. पूजा में भगवान विष्णु के समक्ष नौ बत्तियों का दीपक जलाएं. इस दिन आप एक बड़ा दीपक पूजा घर में जलाएं. इस बात का ध्यान रखें कि ये दीपक रातभर जलता रहे। इससे घर में सुख समृद्धि का विकास होता है. शाम में एक लोटा जल लेकर उसमें थोड़ी चीनी मिलाकर पीपल के वृक्ष में चढाएं और पीपल की जड़ में एक दीपक जलाएं. इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है.

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