सोमवार को भोलेनाथ की पूजा करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान, न करें ये गलतियां

Pallawi Kumari, Last updated: Mon, 29th Nov 2021, 8:07 AM IST
  • सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए जाना जाता है. इस पावन दिन पर महादेव शिव शंकर की पूजा की जाती है. सूर्योदय के बाद से ही भक्त शिवजी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में लग जातें हैं. लेकिन आपको बता दें कि शिवलिंग पूजा की एक खास विधि होती है, जिसके अनुसार ही पूजा करनी चाहिए.
सोमवार पूजा में रखें इन बातों का विशेष ध्यान

सोमवार का पावन दिन देवो के देव महादेव को समर्पित होता है. इसलिए भोलेनाथ को सोमेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. सोमवार के दिन शिव जी की पूजा और व्रत किए जाते हैं. कुंवारी कन्याओं के लिए 16 सोमवार का व्रत काफी उत्तम होता है. भगवान शिव अपने भक्त की पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं. लेकिन शिव जितने दयालु हैं उतने ही क्रोधित भी हैं. अगर उनकी पूजा में भूल या गलती हुई तो भगवान नाराज हो जाते हैं और भक्त को कभी भी पूजा का फल नहीं मिलता. 

सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से भगवान खुश होकर भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. लेकिन कुछ ऐसी गलतियां अक्सर पूजा के दौरान जाने अनजाने में हो जाया करती है,जिससे पूजा का फल नहीं मिलता और भगवान नाराज हो जाते हैं. इसलिए शिवजी की पूजा में भूलकर भी ऐसी गलती न करें. आप कितनी ही पूजा करते हो लेकिन शिवलिंग पर पूजा करने के कुछ खास नियम होते हैं. आइए आपको बताते हैं कैसे करें सोमवार के दिन शिव की पूजा.

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पूजा में न करें ये ग​लतियां

1. शिवलिंग पूजा में जलाभिषेक का खास नियम होता है. शुद्ध जल, दूध आदि से शिवलिंग पर जलाभिषेक की जाती है. लेकिन कभी भी तांबे के कलश से शिवलिंग पर दूध का जलाभिषेक न करें. क्योंकि तांबे के बर्तन में दूध संक्रमित हो जाता है और संक्रमित दूध चढ़ाने से पूजा का कोई फल नहीं मिलता

2. शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाएं तभी जलाभिषेक पूर्ण होता है.

3. शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर कभी भी रोली व सिंदूर की तिलक नहीं करना चाहिए. शिवलिंग पर हमेशा चंदन का ही तिलक करें.

4. शिवलिंग की परिक्रमा करते वक्त ध्यान रखें कि कभी भी पूरी परिक्रमा न लगाएं. जहां से दूध बहता है वहां रूक जाएं फिर वापस घूम जाएं.

5.शिवपुराण के अनुसार शिव ने शंखचूण नाम के राक्षस का वध किया था. इसलिए भगवान शिव की पूजा में कभी भी शंख नहीं बजाना चाहिए. इसके बजाय आप डमरू या घंटी बजा बजाएं.

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