एनीमिया से बचने के लिए करें हरी सब्जियों का सेवन, गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का खास ध्यान
- बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबन्धक डॉ. वेद प्रकाश ने लोगों को सलाह दी कि स्वस्थ शरीर और तेज दिमाग के लिए एनीमिया (खून की कमी) की रोकथाम बेहद जरूरी है. खून की कमी से बचने के लिए आयरन युक्त भोजन लें साथ ही समय-समय पर सभी उम्र के लोग एनीमिया की जांच कराएं.

लखनऊ. एनीमिया एक खून संबंधित बीमारी है, जिसे हिंदी में रक्ताल्पता भी कहा जाता है. यह ब्लड डिसऑर्डर होना आजकल काफी आम बात है. एनीमिया का बच्चों और महिलाओं को सबसे ज्यादा सामना करना पड़ता है. स्वस्थ शरीर और तेज दिमाग के लिए एनीमिया (खून की कमी) की रोकथाम बेहद जरूरी है. खून की कमी से शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है. बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबन्धक डॉ. वेद प्रकाश ने लोगों को सलाह दी कि खून की कमी से बचने के लिए आयरन युक्त भोजन लेना चाहिए साथ ही समय-समय पर सभी उम्र के लोग एनीमिया की जांच कराएं.
डॉ. वेद प्रकाश ने आगे कहा कि एनीमिया से बचने के लिए लोगों को कुछ चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है जैसे भोजन में सहजन, हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी), दालें, फल को शामिल करें. हरी सब्जियां एनीमिया को दूर भगाने में सबसे ज्यादा कारगर साबित होती हैं. साथ ही खाने में नींबू, आंवला व अमरूद जैसे खट्टे फल खाएं. पेट के कीड़े निकालने के लिए अल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक भी लें. उन्होंने बताया कि सभी उम्र के लोगों में एनीमिया की जांच और पहचान किया जाना महत्वपूर्ण होता है ताकि व्यक्ति की हिमोग्लोबिन के स्तर के अनुसार इलाज मुहैया कराया जा सके और इसे समय रहते रोका जा सके.
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एनीमिया से गर्भवती महिलाएं कैसे बचें
डॉ. वेद प्रकाश ने गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से बचने के भी उपाय बताए जिसमें उन्होंने कहा कि मां का दूध बच्चे को बीमारियों से बचाता है. जन्म के पहले घंटे के भीतर मां नवजात को अपना पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाये और छह महीने तक शिशु को स्तनपान कराएं. बाहर का शिशु को कुछ भी न खिलाएं-पिलाएं. छह माह के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ घर का बना मसला और गाढ़ा ऊपरी आहार भी देना शुरू करें. बच्चे के खाने में नमक, चीनी और मसाला का कम इस्तेमाल करें.
डॉक्टर ने आगे कहा कि छह से 59 माह के बच्चे को हफ्ते में दो बार एक मिलीग्राम आयरन सिरप दें. पांच से नौ साल की उम्र में हफ्ते में आयरन की एक गुलाबी गोली दें. 10 से 19 साल तक की उम्र में हफ्ते में एक बार आयरन की नीली गोली दें. साथ ही गर्भवती महिलाओं को चौथे महीने से रोजाना 180 दिनों तक आयरन (आईएफए) की एक लाल गोली दें.
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