यूपी में दाने-दाने को तरस रहे गरीब परिवार, दो महीने से राशन के लिए भटक रही जनता

Atul Gupta, Last updated: Fri, 17th Dec 2021, 8:08 PM IST
  • यूपी के मेरठ में बीपीएल कैटेगिरी में आने वाले परिवारों का कहना है कि उन्हें दो महीने से राशन नहीं मिला और जब भी वो नए राशन कार्ड के लिए सरकारी दफ्तर जाते हैं तो उन्हें झूठे आश्वासन देकर भगा दिया जाता है.
खाने की लाइन में बैठे गरीब बच्चे (सांकेतिक तस्वीर)

मेरठ: सरकार गरीबों को मुफ्त राशन देने के बड़े-बड़े दावे करती है और उसे बताने के लिए हजारों करोड़ रूपये विज्ञापनों पर फूंक देती है लेकिन जमीनी सच्चाई हवाबाजी से कोसों दूर होती है. उदाहरण मेरठ के मवाना जिले का है जहां रहने वाले गरीब परिवार वालों का आरोप है कि वो नया राशन कार्ड बनवाने के लिए सरकारी बाबूओं के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं लेकिन उनका राशन कार्ड नहीं बन रहा है. इनका कहना है कि ये बीपीएल कैटेगिरी में आते हैं और ऑनलाइन फॉर्म भी जमा कर चुके हैं जिसे बिना जांच के अधिकारी रिजेक्ट कर रहे हैं.

टाइम्स नाऊ की खबर के मुताबिक इन परिवारों का कहना है कि सरकारी अधिकारी इन्हें कई दिनों से आश्वासन दे देकर चक्कर कटवा रहे हैं लेकिन राशन कार्ड नहीं बना रहे हैं. कई दिनों से परेशान चल रहे ये परिवार अब मवाना एसडीएम के पास जाने की बात कह रहे हैं. मुन्नालाल मोहल्ले में रहने वाली सोनिया और गुलिस्तान के मुताबिक वो मवाना सप्लाई डिपार्टमेंट ऑफिस के कई चक्कर लगा चुके हैं लेकिन वहां कोई सही से जवाब नहीं देता कि उनके राशन कार्ड का आवेदन क्यों रिजेक्ट किया गया. दोनों का कहना है कि उनका परिवार बीपीएल की श्रेणी में आता है और दोनों ने दो दो बार नए राशन कार्ड के लिए आवेदन किया लेकिन दोनों ही बार बिना किसी जांच के उनका आवेदन रद्द कर दिया गया.

दूसरे बीपीएल कार्ड धारक नफीसा, सुरेखा, संतोष और उन जैसे कई लोगों ने आरोप लगाया कि राशन डीलर पिछले दो महीने से उन्हें राशन नहीं दे रहा है. उनका कहना है कि डीलर उन्हें मवाना सप्लाई डिपार्टमेंट के ऑफिस भेज देता है जहां कोई जवाब नहीं देता. इन परिवारों का कहना है कि बीपीएल कैटेगिरी में होने के बावजूद उन्हें दो महीने से राशन नहीं मिल रहा.

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