मेरठ: प्लॉट खरीदने से पहले हो जाएं अलर्ट, अवैध कॉलोनियों में चल रहा बिल्डरों खेल

Smart News Team, Last updated: Sun, 11th Oct 2020, 3:28 PM IST
  • मेरठ में बिल्डर्स अवैध विस्तार करके लोगों को प्लाट बेच कर फंसा रहे हैं. एमडीए का कहना है कि जल्द ही ऐसे बिल्डरों पर नकेल कसी जाएगी.
प्रतीकात्मक तस्वीर

मेरठ: जिले में बिल्डर्स की धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जालसाज बिल्डर्स कालोनी का विस्तार करके उसका नक्शा ही स्वीकृत नहीं कराते हैं. यही नहीं कालोनी में पार्क और सड़क की जमीन पर भी प्लाट काट देते हैं. इसके बाद ग्राहकों को धोखे में रखकर प्लाट बेच देते हैं. ग्राहक परेशान होकर चक्कर काटते रहते हैं. प्राधिकरण उन्हें घर नहीं बनाने देता और बिल्डर्स पैसा लेकर फरार हो जाते हैं.

जानकारी के मुताबिक ज्यादातर लोग प्राधिकरण से स्वीकृत कालोनी में प्लाट या मकान खरीदना पसंद करते हैं. बिल्डर्स एक छोटे से हिस्से में कालोनी स्वीकृत कराकर प्लाट बेचने लगते हैं. इसके बाद धीरे-धीरे कालोनी का विस्तार करते रहते हैं. बिल्डर्स बढ़ाई गई कालोनी का नक्शा ही स्वीकृत नहीं कराते. जिसके चलते कालोनी का यह हिस्सा अवैध ही रहता है. ग्राहक को स्वीकृत कालोनी का नक्शा दिखाकर अवैध प्लाट बेच दिया जाता है. ग्राहक ठगी का शिकार बन जाता है और उसे पता भी नहीं चलता.

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जानकारों का कहना है कि इस काम में प्राधिकरण की भी खूब मिलीभगत होती है. प्राधिकरण के कर्मचारी और अधिकारी बिल्डर्स के प्लाट बिकने तक शांति से साथ देते हैं. लेकिन जैसे ही बिल्डर्स प्लाट बेच देता है. प्राधिकरण के अफसर और कर्मचारी ग्राहक को सारे नियम कानून मकान का नक्शा स्वीकृत नहीं करते हैं. फिर जिंदगी भर की पूंजी लगाने के बाद ग्राहक के पास केवल एक ही विकल्प बचता है कि वह प्राधिकरण के अधिकारियों-कर्मचारियों रिश्वत दे. इस तरह के मामले में एमडीए सचिव प्रवीणा अग्रवाल का कहना है कि अवैध कालोनियों पर शिकंजा कसा जा रहा है. जिन्होंने वैध कालोनी की आड़ में अवैध विस्तार कर दिया है, उन पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सभी जोनल अधिकारियों को नोटिस जारी करने व पूर्व में जारी हुए नोटिस के आधार पर सील या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तेज करने का निर्देश दिया है.

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