CM योगी का निर्देश जल्द शुरू करें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड ट्रांजिट सिस्टम

Smart News Team, Last updated: Sun, 7th Feb 2021, 12:46 PM IST
  • मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि रैपिड ट्रांजिट सिस्टम रेल सेवा तेज गति के साथ आरामदायक व सुरक्षित होगी. यह ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगी. साथ ही ऊर्जा उपभोग कम इस्तेमाल और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होगी.
दिल्ली मेरठ ट्रांजिट सिस्टम का काम तेज करने के लिए सीएम योगी ने निर्देश दिए.

मेरठ. उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं मे से एक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के अंतर्गत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के कार्यों में तेजी लाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारीयों को निर्देश दिया है. जिससे जनता को इस सुविधा का लाभ जल्दी ही मिल सके. 

सीएम योगी ने निर्माण कार्यों के लिए परिवहन, औद्योगिक विकास आवास, शहरी नियोजन, सिंचाई एवं राजस्व आदि विभागों में तालमेल बढ़ाने को कहा है. उन्होंने ये बात तब कही जब वह शनिवार शाम अपने सरकारी आवास पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रैपिड ट्रांजिट सिस्टम रेल सेवा तेज गति के साथ आरामदायक व सुरक्षित होगी. यह ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाएगी. साथ ही ऊर्जा उपभोग कम इस्तेमाल और प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होगी. समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि 82.15 किमी लंबी इस परियोजना पर 30,274 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस परियोजना के अंतर्गत मेरठ में मेट्रो सेवाओं भी संचालन किया जाएगा. गाजियाबाद में मल्टीमोडल एकीकरण संबंधी कार्यवाही की जा रही है. 

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मुख्यमंत्री ने शनिवार को विशेषज्ञों द्वारा सड़क निर्माण की फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक संबंधी प्रस्तुतीकरण (प्रेजेंटेशन) देखा. इसे अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार ने प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि यह तकनीक टिकाऊ, मजबूत, किफायती और पर्यावरण अनुकूल है. 

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फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक में पुरानी सड़क के संपूर्ण हिस्से का दोबारा इस्तेमाल हो जाता है और स्टोन एग्रीगेट की जरूरत नहीं पड़ती है. इस तकनीक से सड़क का निर्माण बहुत तेजी से होता है और मरम्मत में खर्च भी मामूली आता है.  

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प्रेजेंटेशन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी चेन्नई व आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों ने भी इस तकनीक के बारे में विचार रखे. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई तकनीक को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाया जाना चाहिए. उन्होंने लोक निर्माण विभाग को इस तकनीक का अध्ययन कर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए. 

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