मेरठ में कांग्रेसी और किसानों का किसान बिल विरोध, काला कानून बताकर जलाई प्रतियां

Smart News Team, Last updated: Sun, 20th Sep 2020, 10:12 PM IST
  • मोदी सरकार के किसान विधेयक का मेरठ में विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया. कांग्रेस, सपा और रालोद ने कहा कि अगर सरकार इस बिल को वापस नही करती है तो हम आंदोलन करेंगे.
हाल ही में आए किसान विधेयक के विरोध में विधेयक की प्रतियां जलाते कांग्रेसी

मेरठ: कृषि अध्यादेश पारित होने के विरोध में रविवार को कांग्रेस, रालोद, सपा और किसानों ने विरोध जताया. घोसीपुर में किसानों और कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने कृषि अध्यादेश को काला कानून बताया और इसकी प्रतियां फूंकी. इसके साथ ही रालोद और सपा नेताओं ने भी इसे लेकर किसान विरोधी बिल बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी.

जानकारी के मुताबिक रविवार शाम को उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश सचिव व पीसीसी सदस्य रोहित गुर्जर के नेतृत्व में किसानों ने घोसीपुर में खेतों में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया. राज्यसभा में किसानों के खिलाफ दो बिलो को पास करने के विरोध में आक्रोश जताया और कहा कि यह बिल किसान विरोधी है. रोहित गुर्जर के नेतृत्व में कांग्रेस सेवादल कार्यकर्ताओं और किसानों ने किसान विरोधी अध्यादेश को काला बिल कहते हुए इसकी प्रतियां को आग के हवाले कर दिया. साथ ही कहा कि केन्द्र सरकार बिल को रद्द करें वरना आंदोलन हो सकता है.

मेरठ में महिला की संदिग्ध हालत में मौत, ससुराल वालों का दावा- फांसी लगाकर दी जान

इसके साथ ही राष्ट्रीय लोकदल अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सोहराब गयास एडवोकेट ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ जो अन्याय किया है वो बहेद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान विरोधी अध्यादेश को पास कर आज भाजपा सरकार ने यह साबित कर दिया है कि सरकार किसान विरोधी है. दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी युवजन सभा के राष्ट्रीय सदस्य बाबर चौहान खरदौनी ने कहा कि धन्नासेठों के लिए बनाया गया अध्यादेश सरकार ने रविवार को पास कर दिया. किसान हित में सरकार पास किए बिलों को रद्द करें, अन्यथा आंदोलन करेंगे.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें