मेरठ मेडिकल कॉलेज की लापरवाही! ढाई माह बाद कोरोना मृतक का हुआ अंतिम संस्कार

Smart News Team, Last updated: Sat, 3rd Jul 2021, 3:16 PM IST
मेरठ मेडिकल कॉलेज की लापरवाही के कारण ढाई महीने बाद कोरोना मृतक का अंतिम संस्कार हो पाया. मृतक के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर रुपए मांगने और शव के अंतिम संस्कार करने की झूठी सूचना देने का आरोप लगाया है. शुक्रवार को परिजनों ने पुलिस और एक सामाजिक संस्था की मदद से शव का अंतिम संस्कार किया.
मेरठ मेडिकल कॉलेज की लापरवाही के कारण ढाई महीने बाद कोरोना मृतक का अंतिम संस्कार हो पाया. (फाइल फोटो)

मेरठ. कोरोना से ढाई महीने पहले दम तोड़ चुके युवक को शुक्रवार को चिता नसीब हुई. पुलिस ने मृतक के परिजनों को बस्ती से बुलाकर और सामाजिक संस्था की मदद से हापुड़ में उसका अंतिम संस्कार कराया. इस मामले में मृतक के परिजनों ने मेडिकल कॉलेज स्टाफ पर रुपये मांगने और शव का अंतिम संस्कार करने की झूठी सूचना देने का आरोप लगाया है.

जानकारी के अनुसार जनपद बस्ती के नाथपुर के नरेश कुमार हापुड़ की न्यू पन्नापुरी कालोनी में रहते थे. वे एक ठेला लगाते थे. अप्रैल में नरेश की तबीयत खराब हुई तो उन्हें हापुड़ के अस्पताल में भर्ती कराया. वहां से रेफर होने पर परिजनों ने उन्हें 15 अप्रैल को मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया. 16 अप्रैल को नरेश की मौत हो गई.

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मृतक की पत्नी गुड़िया ने आरोप मेडिकल कॉलेज पर आरोप लगाते हुए बताया कि 15 अप्रैल को नरेश स्वस्थ थे लेकिन 16 अप्रैल को अस्पताल से उनकी मौत की सूचना मिली.वह मेडिकल कालेज पहुंचे लेकिन शव देने के एवज में स्टाफ ने 15 हजार रुपये मांगे. परिजन रुपयों के इंतजाम में जुटे लेकिन इस बीच रुपये मांगने वालों ने उन्हें झूठी सूचना दी कि नरेश का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. इसके बाद परिजनों ने बस्ती जाकर नरेश का पुतला तैयार कर उसका अंतिम संस्कार किया.

गौरतलब है कि नरेश की मौत होने के बाद शव पहले मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखा रहा. सूचना मिलने पर शव को हापुड़ सीएमओ ने मेडिकल कॉलेज से मंगाकर पिलखुवा स्थित जीएस मेडिकल कालेज की मोर्चरी में रखवा दिया. इस मामले में परिजनों को संदेह होने पर उन्होंने पुलिस की मदद से नरेश की तलाश शुरू की. शव मिलने पर शुक्रवार को नीर फाउंडेशन संस्था की मदद से उन्होंने शव का अंतिम संस्कार कर दिया.

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हापुड़ के जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के परिजनों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है. नरेश का शव नहीं देने और रुपये मांगने के आरोप में मेरठ के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मामले की जानकारी दी जाएगी ताकि मामले की जांच हो सके. हापुड़ सीएमओ रेखा शर्मा ने कहा कि मेरठ मेडिकल कॉलेज से शव को लाकर जीएस मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखा गया. अधिक दिनों तक शव को सुरक्षित रखने की व्यवस्था मोर्चरी में है. परिजनों को मृतक को तलाशने में समय लगा. यही कारण रहा कि शव के अंतिम संस्कार में देरी हुई. आरोपों के विषय में उन्हें जानकारी नहीं है।

इस मामले में मेरठ मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड प्रभारी डॉ धीरज राज ने बताया कि मरीज की 16 अप्रैल को मौत हुई थी. परिजनों से फोन पर बात की लेकिन वे शव लेने नहीं आए. 16 अप्रैल को सीएमओ हापुड़ से बात कर उन्हें शव सुपुर्द कर दिया था. मेडिकल कॉलेज स्टाफ पर 15 हजार रुपये मांगने का आरोप बेबुनियाद है. परिजन गलत आरोप लगा रहे हैं.

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