मेरठ: जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी पर मुकदमे का आदेश

Smart News Team, Last updated: Sat, 15th Aug 2020, 8:55 AM IST
  • धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट ने मैनेजमेंट कमेटी पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया कमेटी के सदस्यों ने फर्जी मीटिंग व फर्जी साइन कर चेयर पर्सन के पद से शीला को हटाया
जसवंतराय हॉस्पिटल 

मेरठ। कोर्ट ने सुशीला जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन की शिकायत पर मैनेजमेंट कमेटी पर धोखाधड़ी समेत बाकी धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. इस मामले में पिछले साल पुलिस से शिकायत की गई थी, लेकिन दबाव के चलते कोई कार्यवाही नहीं हुई.

इसके बाद चेयरपर्सन शीला गुप्ता की ओर से कोर्ट में वाद दायर किया गया था, जिस पर कोर्ट ने अब मुकदमे का आदेश किया है, साथ ही तीन दिन में कोर्ट को मुकदमा दर्ज कर सूचना देने को कहा है.

सुशीला जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी की चेयरपर्सन शीला गुप्ता के वकील रामकुमार शर्मा ने बताया कि शीला गुप्ता की उम्र करीब 90 वर्ष है. वह जसवंत राय चूड़ामणि प्लस सोसाइटी की ट्रस्टी हैं. इस ट्रस्ट द्वारा सुशीला जसवंत राय मेटरनिटी हॉस्पिटल संचालित किया जा रहा है.

पिछले कई साल से शीला गुप्ता इस ट्रस्ट की चेयरपर्सन रही हैं. आरोप है कि इस मामले की वादी शीला गुप्ता को 15 दिसंबर 2019 को डाक द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने एक वार्षिक जनरल मीटिंग का संचालन किया है.

जानकारी पर पता चला कि ट्रस्ट के सदस्यों ने आपस में साज करके एक षड्यंत्र के तहत ट्रस्ट की मीटिंग की कार्रवाई की और मीटिंग में फर्जी एवं गलत तरीके से शीला गुप्ता की उपस्थिति दिखाते हुए उनको सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल की मैनेजमेंट कमेटी से असंवैधानिक तरीके से हटा दिया.

शीला गुप्ता की बेटी नूतन गुप्ता जो मैनेजमेंट कमेटी में सचिव के पद पर कार्यरत थी, उनको भी बिना किसी सूचना-नोटिस के हटा दिया गया. इसके बाद मैनेजमेंट कमेटी के इन लोगों ने मीटिंग में शीला गुप्ता के फर्जी हस्ताक्षर बनाए और उसकी एक कॉपी डिप्टी रजिस्ट्रार को भेज दी.

शीला गुप्ता ने इस बाबत विरोध किया और बताया कि उन्होंने कभी भी कोई हस्ताक्षर मीटिंग में या किसी अन्य कागजात पर नहीं किए थे, जो हस्ताक्षर कागजात पर मौजूद हैं, वह उनके हस्ताक्षर से भिन्न हैं. सुनवाई के बाद एसीजेएम-5 की अदालत ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कर के आदेश दिए हैं.

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