24 से होने वाली परीक्षाओं पर लग सकता है ग्रहण, प्रबंधन को अब तक नहीं मिली अनुमति

Smart News Team, Last updated: Thu, 20th Aug 2020, 10:02 AM IST
  • देशभर के विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर सुप्रीम कोर्ट के 21 अगस्त को संभावित निर्णय के चलते विश्वविद्यालय की 24 अगस्त से परीक्षाएं प्रस्तावित की गई थी. जो अब खटाई में पड़ती हुई नजर आ रही हैं.
फ़ाइल फ़ोटो 

मेरठ में आगामी 24 अगस्त से सीसीएसयू की परीक्षाएं होने संभावित थी. मगर अब तक विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा इसकी अनुमति न देने से परीक्षाओं पर संकट के बादल छा गए हैं. 

महाविद्यालय प्रशासन द्वारा परीक्षाओं की पूरी तैयारियां कर ली गई थी. मगर विश्वविद्यालय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रहा है. शासन के अंतिम निर्णय के बाद विश्वविद्यालयों ने निर्देश जारी किए थे मगर अब इन परीक्षाओं के ऊपर संकट खड़ा हो गया है. विश्वविद्यालयों ने शासन से परीक्षा की अनुमति मांगने के लिए पत्र भेजा है. मगर आज तक इसका जवाब उन्हें नहीं मिल सका है.

वहीं मंगलवार को गृह मंत्रालय द्वारा यूजीसी ने परीक्षाओं पर रोक के विरोध में अपनी बात रखी थी. जिसमें छात्रों ने अपने दावे प्रस्तुत किए थे. मगर इस संबंध में भी निर्णय नहीं सुनाया जा सका है. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले को 21 या 22 अगस्त को निर्णय दे सकती है. यदि परीक्षा के पक्ष में निर्णय आता है तो विश्वविद्यालय परीक्षा कराए जाने के लिए पूरी तौर से तैयार है.

विश्वविद्यालयों के अनुसार इन स्थितियों में जब पूरी तैयारियां हो चुकी हैं प्रस्तावित परीक्षाओं को नहीं रोकना चाहिए. बताते चलें कि परीक्षाओं के संबंध में 21 अगस्त को निर्णय आना था मगर वह अब बढ़ा दिया गया है. यहां सबसे खास बात यह है कि गृह मंत्रालय ने 31 अगस्त तक देशभर के सभी स्कूलों व कालेजों को बंद रखे जाने का निर्णय कर रखा है. प्रदेश सरकार इसी आधार पर इस तिथि तक छात्रों को कॉलेजों में बुलाने पर रोक लगाए हुए. यदि 24 अगस्त से परीक्षा शुरू हो गई तो गृह मंत्रालय और शासन के निर्देशों की अवहेलना होगी. इसी वजह से शासन ने विश्वविद्यालय द्वारा मांगी गई अनुमति पर अभी तक कोई भी संस्तुति नहीं दी है.

वही 31 अगस्त तक सभी विद्यालयों के बंद होने के आदेश पर अब परीक्षाएं सितंबर माह में ही शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं. फिलहाल इसकी कोई भी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. मेरठ के विश्वविद्यालय में एक लाख 80 हजार परीक्षार्थी विश्वविद्यालयों की परीक्षा में सम्मिलित होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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