गेंदे की खेती से दोगुनी होगी किसानों की आमदनी, जानें कैसे
- स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आशीष त्यागी ने गेंदे की खेती करने वाले किसानों को खेती करने के नए तरीका अपनाने के लिए कहा है. नए तरीके अपनाने से किसानों की आय में भी इजाफा होगा.

मेरठ: शादी समारोह में फूलो से सजावट करके अब आप दोगुनो पैसे कमा सकते है. शादी की सीजन में गेंदो के फूलों का खास इंतजाम किया जाता है. स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आशीष त्यागी ने कहा है कि किसान अन्य फसलों के साथ गेंदे की फसल खेती दोगुना लाभ कमा सकता है. मेरठ का हस्तिनापुर गेंदे की खेती के प्रसिद्ध माना जाता है. साथ ही गेंदो के फूल का प्रयोग आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाईयों में भी किया जाता है.
डॉ. त्यागी ने कहा कि गेंदे की फसल सहफसली खेती का उत्तम रुप है. उन्होंने कहा गेंदे के फूलों की खेती आसानी से की जा सकती है. डॉ त्यागी ने सलाह दी कि गेंदे की अच्छी पैदावार लेने को उन्नत प्रजाति जैसे जैट डबल, अफ्रीकन औरेंज, वाटर स्काच आदि उगाई जा सकती हैं. इसके लिए प्रति हेक्टेअर मात्र 250 से 400 ग्राम बीज ही पर्याप्त है. बता दें कि गेंदे के पौधे पूरे खेत के साथ-साथ अंतरवर्ती फसल के रूप में रिक्त स्थानों, खेत की डोल, नाली या रास्तों के किनारे लगा सकते है. जिसके लिए आपको पर्याप्त खेत की जरुरत नही है.
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गेंदे की खेती की बुवाई करने के लिए अप्रैल से सितंबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है. किसानो को अच्छी फसल के लिए नत्रजन 400 किग्रा, फास्फोरस 200 किग्रा, प्रति हेक्टेअर के हिसाब से खेतों में डालना चाहिए. गेंदो की सिचाई गर्मियों में 4 से 5 दिन और सर्दियों में 8 से 10 दिनों में कर देनी चाहिए. फसल के बीच से समय-समय पर खरपतवार को साफ कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि फसल पर 70 दिनों के बाद फूल आने प्रारंभ हो जाते हैं, जो 45 से 60 दिन तक चलते हैं. ऐसा करने से फसल से प्रति हेक्टेअर आठ से दस टन उपज प्राप्त हो जाती है.
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