Gandhi Jayanti: मेरठ से जुड़ी हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कई यादें, जानें

ABHINAV AZAD, Last updated: Sat, 2nd Oct 2021, 3:59 PM IST
  • मेरठ के स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में गांधी जी द्वारा लिखा गया अंतिम पत्र सुरक्षित रखा हुआ है. साथ ही दुर्लभ चित्रों के जरिए यहां राष्ट्रपिता का आजादी के आंदोलन के लिए संघर्ष को साफ देखा जा सकता है.
(फोटो क्रेडित- सोशल मीडिया)

मेरठ. आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती है. क्या आपको पता है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादें मेरठ से भी जुड़ी हैं. दिल्ली रोड स्थित राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय में उनके द्वारा लिखा गया अंतिम पत्र आज भी सुरक्षित रखा हुआ है. साथ ही दुर्लभ चित्रों के जरिए यहां राष्ट्रपिता का आजादी के आंदोलन के लिए संघर्ष को साफ देखा जा सकता है.

कई मौकों पर सरकार की ओर से जारी किए स्मृति सिक्कें भी यहां संरक्षित है. मुंबई टकसाल से लेकर दांडी यात्रा के 75 साल पूरे होने पर जारी किए गए पोस्टकार्ड और डाक टिकटों का भी यहां संग्रह है. यहां इस मौके पर जारी किया गया सिक्का भी संरक्षित है. यहां गांधी जी के समय का चरखा भी संरक्षित किया हुआ है. शहीद स्मारक में एक पत्र भी संरक्षित किया हुआ है. साथ ही दावा किया जाता है कि यह बापू द्वारा लिखा हुआ अंतिम पत्र है. संग्रहालय में नमक सत्याग्रह से लेकर अन्य मूवमेंट की दुर्लभ फोटो भी मेरठ के संग्रहालय में संग्रहित है. विभिन्न मौकों पर शहीद स्मारक में प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है.

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यहां राष्ट्रपिता के दुर्लभ चित्रों को प्रदर्शित किया जाता है. राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय के संग्रहालय अध्यक्ष पतरू और पूर्व संग्रहालय अध्यक्ष मनोज गौतम के मुताबिक, यहां गांधी जी के जीवन से संबंधित सामग्री संरक्षित है. संग्रहालय में महात्मा गांधी के जीवन से संबंधित फोटोग्राफ, डाक टिकट एवं दांडी यात्रा से संबंधित स्मरणीय सिक्के व अन्य सामग्री संरक्षित हैं. जिसे लोग आज भी देखने आते हैं. गांधी जी वैश्य अनाथालय में 1929 में आए थे. यहां गांधी जी ने रजिस्ट्रर में लिखा था कि किसी की मेहरबानी मांगना अपनी आजादी बेचना है. उनका हस्ताक्षर आज भी हर कोई देख सकता है.

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