मुजफ्फरनगर: बेमौसम बारिश से गंगा में उफान, पश्चिमी यूपी के कई गांव डूबे
- मुजफ्फरनगर के कई गांव बेमौसम बारिश से डूबने के कगार पर हैं गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़त के कारण बाढ़ की चिंताएं अब इन इलाकों के किसानों को सताने लगी है. लोगों के घरों तक पानी पहुंच गई है. गन्ने के साथ-साथ फसल और सब्जियों के खेत जलमग्न हो गए हैं.
मेरठ. बेमौसम पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही झमाझम बारिश से गंगा के जलस्तर में एक बार फिर बढ़त होने लगी है उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से गुजरने वाली गंगा के बढ़ते जलस्तर ने खादर क्षेत्र के लोगों का आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित किया है मेरठ से सटे मुजफ्फरनगर के जानसठ तहसील के कई गांव डूबने के कगार पर हैं. गंगा का जलस्तर लगातार दूसरे दिन खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. नदी के किनारे बसे कई गांवों में लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया है. तटीय इलाकों में बसे लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है. ऐसे में जायजा लेने पहुंचे मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष वीरपाल निर्वाल ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को मौजूदा हालात से रूबरू कराया. सिंचाई विभाग के जेई पीयूष कुमार का कहना है कि 4 बजे हरिद्वार गंगा बैराज से 2,26,011 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक गंगा बैराज का जलस्तर दूसरे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर पर बह रहा है जानसठ व मोरना तहसील के गंगा किनारे बसे जीवनपुरी, रामपुर ठकरा, लालपुर, हंसावाला, इशाक वाला समेत कई गांव व जंगल में गंगा का पानी पहुंच गया है. गांवों में गंगा का पानी पहुंचने से ग्रामीणों में एक बार फिर बाढ़ का डर सताने लगा है. जहां तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है उन इलाकों के ग्रामीणों का कहना है कि गन्ने और अन्य फसलों की खेतों में पानी लबालब भर गई है. दूसरी तरफ धान की तैयार फसलें, गोभी व अन्य सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो गई है.
बढ़ते गंगा के जलस्तर पर जानसठ तहसील के उप जिलाधिकारी(SDM) जयेंद्र कुमार ने कहा कि बुधवार को गंगा बैराज का जलस्तर कम हुआ है. खादर क्षेत्र के समस्त लेखपालों से हर घंटे की अपडेट ली जा रही है. फिलहाल इन क्षेत्रों में बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है. फिर भी प्रशासन अपने स्तर से पूरी तरह अलर्ट पर है. जीवनपुरी गांव के आशीष शर्मा, अरुण, प्रदीप, रणधीर, जयपाल, रवींद्र समेत कई ग्रामीण किसानों का कहना है कि मंगलवार को गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर 219.60 पर चल रहा था और बुधवार को गंगा का जलस्तर 219.90 पर चल रहा तो जलस्तर कैसे घट गया है. जीवनपुरी निवासी आशीष शर्मा ने बताया कि गंगा बैराज के पानी निकासी की क्षमता 7 लाख क्यूसेक है. फिलहाल 3 से 4 लाख क्यूसेक पानी से ही खादर क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन जाती है.
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गंगा बैराज के सभी गेटों के सामने 5 से 7 मीटर तक रेत की भारी परत जम जाने के कारण खादर क्षेत्र में बाढ़ आ गई है. इन गेटों के सामने से रेत की मोटी परत हटाए जाने से बाढ़ जैसी समस्या से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है. खादर क्षेत्र के ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार शिकायत की है मगर आज तक उनके इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला गया है. ग्राम प्रधान राजपाल का कहना है कि जंगल में गंगा का पानी आ जाने के कारण पशुओं के चारे की समस्या गहरा गई है, जिस कारण ग्रामीण बहुत परेशान है. और जिला पंचायत अध्यक्ष वीरपाल निर्वाल ने जानकारी दी कि खादर क्षेत्र में जाकर हमनें मौके पर किसानों की समस्याओं को देखा और सुना है. आगे उन्होंने कहा कि इस आपदा की पूरी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी.
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