घर वापसी में किसानों का होगा पुष्पवर्षा से भव्य स्वागत, दुल्हन की तरह सजी सिसौली
- बुधवार को किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा. इसे लेकर चारों तरफ खुशी की लहर है. गाजीपुर से सिंगरौली तक किसानों का भव्य स्वागत की पूरी तैयारी हो चुकी है. वहीं राकेश टिकैत सिसौली आज अपने घर लौट आएंगे. उनके साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसान की भी घर वापसी होगी.

मेरठ. दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से ज्यादा समय चल रहा किसान आंदोलन कब समाप्त होगा. कृषि कानून की वापसी के बाद किसानों की बाकी मांगों पर भी सरकार की तरफ पुख्ता भरोसा मिलने के बाद आज बुधवार को किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा. इसे लेकर चारों तरफ खुशी की लहर है. गाजीपुर से सिंगरौली तक किसानों का भव्य स्वागत की पूरी तैयारी हो चुकी है. वहीं राकेश टिकैत सिसौली आज अपने घर लौट आएंगे. उनके साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई किसान की भी घर वापसी होगी.
इसके लिए सिसौली में भारतीय किसान यूनियन के भवन को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है. जोर शोर से तैयारियां की गई है. भवन को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है. वहीं सर्वखाप मुख्यालय सोरम में बड़े पैमाने पर भंडारे की तैयारी की गई है. इसके साथ ही 125 किमी की किसान यात्रा का हर 25 किमी पर पुष्पवर्षा कर स्वागत होगा.
किसानों का होगा भव्य स्वागत
गाजीपुर बार्डर से घर वापसी के तहत राकेश टिकैत किसान यात्रा के साथ मुजफ्फरनगर के सिसौली के लिए रवाना होंगे. राकेश टिकैत 383 दिनों के बाद अपने घर लौटेंगे. सिवाया टोल पर उनका जोरदार व भव्य स्वागत किया जाएगा. वह किसानों के साथ मोदीनगर, मेरठ, खतौली, मंसूरपुर व सोरम चौपला होते हुए वह सिसौली पहुंचेंगे. गाज़ियाबाद के दुहाई से ही जगह-जगह स्वागत की तैयारियां हो रही हैं. गाजीपुर से सिसौली तक सैकड़ों जगह स्वागत और भंडारे की तैयारी पूरी हो चुकी है.
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दो बजे पहुंचे मेरठ टोल
राकेश टिकैत का सिवाया टोल पर भाकियू पदाधिकारी, कार्यकर्ता व किसान भव्य स्वागत करेंगे. राकेश टिकैत किसान फतह यात्रा लेकर दोपहर 2 बजे मेरठ टोल पहुंचेंगे. दोपहर 2 बजे टिकैत इस धरना स्थल पर आकर हवन करेंगे, उन्हें फूलों की माला पहनाई जाएगी. इसके बाद विशाल भंडारा होगा. आतिशबाजी, ढोल बजाकर टिकैत का स्वागत होगा.
गौरतलब है कि 9 दिसंबर को केंद्र सरकार की ओर से किसानों की सारी मांगें मान ली गई थी. जिसके बाद किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन वापसी का ऐलान किया था. दिल्ली के सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पहले ही खाली हो चुके हैं. यूपी-दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर से भी 90 फीसदी किसान निकल चुके हैं. राकेश टिकैत पहले ही कह चुके थे कि वह सबसे आखिर में घर जाएंगे.
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