PUVVNL के निजीकरण के विरोध में मेरठ बिजली के 500 अफसर-कर्मी जेल जाने को तैयार

मेरठ. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के फैसले के खिलाफ मेरठ के 500 अधिकारियों और कर्मचारियों ने जेल जाने की तैयारी के साथ फॉर्म भर दिया है. यह संघर्ष समिति के जेल भरो आंदोलन के तहत किया जा रहा है.निजीकरण के खिलाफ आंदोलन दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है.
अभी इसको लेकर ऊर्जा भवन पर धरना-प्रदर्शन चल रहा है. निजीकरण के फैसले का विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी विरोध कर रहे है. अपने विरोध के पक्ष में इंजीनियर तिवेतिया, विनेश मलिक, राजीव महेश्वरी, एके आत्रेय, एके वर्मा, संयोजक रोहित कुमार, सह संयोजक राम आशीष कुशवाहा, दिलमणि थपलियाल, आशुतोष शर्मा, सुमित पाल, कवितेन्द, विपुल कुमार काम्बोज, नरेश चंद शर्मा, वीर सिंह, प्रमान्द, एसके वर्मा, करनल डोगरा, विवेक सक्सेना, विवेक वर्मा और पीसी जोशी ने कहा कि बिजली कंपनियों के निजीकरण का सबसे ज्यादा असर आम लोगों पर पडेगा.
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सभी इंजीनियरों ने यह भी कहा कि निजीकरण से बिजली की दरें महंगी होगी. इसका असर किसानों पर होगा. सब्सिडी खत्म हो जाएगी. और कृषको सहित सभी घरेलू उपभोक्ताओं को भी बिजली की पूरी लागत देनी होगी और जो बिजली पांच से छह रुपये की मिलती है, वह फिर 10 से 12 रुपये तक में मिलेगी.
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आज सरकार ने कर्मचारियों और इंजनियरों की हड़ताल की तैयारी को देखते हुए कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय को चिट्ठा लिखी है जिससे कि साफ पता चलता है कि सरकार हड़ताल कराने को लेकर तैयार है. संघर्ष समिति ने भी पूरी तैयारी कर ली है. मेरठ में धरना स्थल पर पांच सौ कर्मियों और अधिकारियों ने जेल जाने के लिए फार्म भर दिए और कहा कि अब आर-पार की लड़ाई होगी.
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