नकली करेंसी का हब बना मेरठ, सुनील ने बताया- इन लोगों को निशाना बनाता था गिरोह
- मेरठ: टीपीनगर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़ा सुनील लगातार बड़े खुलासे कर रहा है. बता दें, सुनील अपने साथियों के साथ मिलकर नकटी नोट छापने और उन्हें बाजार में चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. अब सुनील ने अपने गिरोह को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं.
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मेरठ: टीपीनगर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़ा सुनील लगातार बड़े खुलासे कर रहा है. बता दें, सुनील अपने साथियों के साथ मिलकर नकटी नोट छापने और उन्हें बाजार में चलाने के आरोप में गिरफ्तार हुआ था. सुनील कुमार के पास से 1,97,200 जाली नोट, प्रिंटर और अन्य सामग्री बरामद की गई थी. वहीं, एक मुखबिर की निशानदेही पर पुलिस ने सुनील को नकली नोटों के साथ पकड़ा था. अब आरोपी अपने गिरोह को लेकर कई खुलासे कर रहा है. पुलिस की जांच-पड़ताल में सामने आया है कि खरखौदा में जून में नकली करेंसी के साथ जो गिरोह पकड़ा गया था, उस गिरोह के सरगना प्रशांत के जेल जाने के बाद सुनील अपने दो अन्य साथियों के साथ नोएडा और बुलंदशहर में नकली करेंसी छापने लगा था. नकली करेंसी को बाजार में छोटी दुकानों, मजदूरों व दुकानदारों में चलाने के लिए अपने पास असली नोट भी रखते थे. दिखाने के लिए ज्यादातर असली नोटों का लेन-देन करते थे. उसके बाद इतने ही नकली नोटों की गड्डी थमा देते थे. गड्डी में ऊपर और नीचे ही असली नोट होते थे.
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वहीं, पुलिस पूछताछ में सुनील ने बताया कि ककोड़ निवासी एक हिस्ट्रीशीटर भी उसके संपर्क में रहा है. पुलिस की एक टीम बुलंदशहर में जांच-पड़ताल कर रही है. एसओ टीपीनगर विजय गुप्ता का कहना है कि सुनील के मोबाइल में कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. यह गिरोह मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर तक फैला हुआ है. इसके तीन साथी पूर्व में खरखौदा से गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजे थे.
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