मेरठ CCS यूनिवर्सिटी में एमफिल कोर्स बंद, लौटाई जाएगी आवेदकों की फीस

Smart News Team, Last updated: Tue, 8th Sep 2020, 7:37 PM IST
  • मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एमफिल कोर्स बंद कर दिया है. इस सत्र से विश्वविद्यालय में एमफिल की पढ़ाई नहीं होगी. नई शिक्षा नीति की वजह से ये बदलाव आया है. विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि जिन विद्यार्थियों ने इस कोर्स के लिए आवेदन किया था, उनकी फीस लौटाई जाएगी.
मेरठ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एमफिल कोर्स बंद करने का फैसला लिया है

मेरठ. नई शिक्षा नीति आने के मेरठ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एमफिल कोर्स बंद करने का फैसला लिया है. अब विद्यार्थी मास्टर डिग्री लेने के बाद पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं. ये फैसला मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया. कुलपति ने बताया, विश्वविद्यालय ने इस सत्र के लिए एमफिल आवेदकों की फीस लौटाने का भी फैसला लिया.

कुलसचिव की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में लिया गया ये फैसला विश्वविद्यालय से संबंद्ध कैंपस और कॉलेजों में भी लागू होगा. आपको बता दें कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में 19 विषयों में एमफिल की पढ़ाई होती है. सीसीयू देश का पहला विश्वद्यालय है जहां एमफिल कोर्स शुरू किया गया था. 1968 से लगातार चल रहा एमफिल कोर्स नई शिक्षा नीति के आने से बंद किया जा रहा है. करीब 34 साल बाद लागू की गई नई शिक्षा नीति को भारत सरकार की मंजूरी मिल चुकी है.

मेरठ में मर्डर: ज्वैलर की हत्या, 10 लाख कैश और 5 किलो चांदी की लूट

पहले एमफिल कोर्स पीएचडी से पहले करना अनिवार्य था. कहा जाता था कि एमफिल करने से पीएचडी करना आसान हो जाता है. एमफिल कोर्स में पीएचडी के बारे में सिखाने के बारे में जोर दिया जाता था. नई शिक्षा नीति में कहा गया है कि एमफिल की जगह अब मास्टर डिग्री में ही शोध के बारे में पढ़ाया जाएगा. जिससे विद्यार्थियों को एमफिल करने की जरूरत नहीं पढ़ेगी. चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय ने इस सत्र से नई शिक्षा नीति का लागू कर दिया है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें