नहीं टला खतरा! डॉक्टर का दावा- कोरोना से ठीक हुए लोगों को सांस लेने में तकलीफ
मेरठ. जिला अस्पताल के टीबी और चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डाॅ. एमएस फौजदार का कहना हैं कि बुखार, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत कोरोना की जांच कराएं.इससे बीमारी नहीं बढ़ेगी. समय पर डाॅक्टर को नहीं दिखाया तो परेशानी बढ़ सकती है. ऐसा उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि पिछले कुछ दिनों से वह लोग इलाज कराने आ रहे जो कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं. लेकिन अब उन्हें सांस लेने में तकलीफ( अस्थमा) जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं. ऐसे भी लोग शामिल है जिनमे कोई लक्षण नहीं है.
इन्हें न तो बुखार और न ही जुकाम है. लेकिन इन्हें सिर्फ सांस लेने में परेशानी महसूस हो रही है. सीटी स्कैन और डिजिटल एक्स-रे से पता चल है कि इनके फेफड़ों में सिकुड़न और इसका साइज छोटा हो गया है. जिस वजह से ऐसा हो रहा है. इनका इलाज चल रहा है. इस बीमारी का अध्ययन शुरू हो गया है. डाॅ. फौजदार के मुताबिक तीन महीने की निगरानी के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि यह बीमारी किस हद तक ठीक होगी.
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डाॅ. एमएस फौजदाओ ने बताया कि कोरोना संक्रमण खून को गाढ़ा कर देता है और रक्त के छोटे-छोटे धक्के फेफड़ों की धमनियों में जम जाते हैं. जिस कारण सूजन आ जाती है. सूजन खत्म होते ही कोशिकाएं सूख जाती हैं. जिस कारण फेफड़ों का आकार छोटा हो जाता है और इसे इंटरस्टिसियल फाइब्रोसिस कहा जाता है.
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डॉ. एमएस ने कहा कि ऑक्सीजन लेवल नापते रहें बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत होने पर इलाज कराएं. कोरोना पॉजिटिव आने पर अस्पताल में भर्ती हो जाएं. खुद अपना इलाज न करें.
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