मेरठ: दो क्रेडिट कार्ड फ्रॉड गिरफ्तार, एजेंट बनकर जालसाजी से उड़ाए लाखों रुपए

Smart News Team, Last updated: Wed, 19th Aug 2020, 8:11 PM IST
  • मेरठ पुलिस ने क्रेडिट कार्ड के धंधे में जालसाजी करके किसी और के नाम पर लाखों रुपए उड़ाने वाले दो फ्रॉड को गिरफ्तार किया है. दोनों जालसाज एजेंट बनकर लोगों से क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए संपर्क करते थे और बाद में उन्हें कहते थे कि फॉर्म रिजेक्ट हो गया जबकि असल में कार्ड बनवा लेते थे और उसी पर अय्याशी करते थे.
मेरठ में गिरफ्तार जालसाजों ने बताया है कि वो साइबर क्राइम से जुटाए पैसे मौज-मस्ती पर उड़ाते थे जिसमें गर्लफ्रेंड का खर्च उठाना भी शामिल था.

मेरठ. मेरठ पुलिस की साइबर क्राइम सेल और ब्रह्मपुरी थाने की पुलिस ने क्रेडिट कार्ड जालसाजी का ऐसा मामला पकड़ा है कि आपके होश उड़ जाएंगे. पुलिस ने दो फ्रॉड को गिरफ्तार किया है जो किसी और के नाम से जारी क्रेडिट कार्ड को स्वाइप करके लाखों रुपए उड़ा रहे थे. पुलिस दोनों जालसाजों के क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के तौर-तरीके से अवाक है. 

सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह और एएसपी इरज राजा ने बताया कि क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के केस में सराय बहलीम के सरोस अहमद और शास्त्रीनगर के मोहम्मद दानिश को अरेस्ट किया गया है. गिरफ्तार लड़के ग्रैजुएट हैं. इनके पास से दो मोबाइल, एक लैपटॉप, एक कार और ढाई लाख रुपये नगद बरामद हुए हैं.

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ब्रह्मपुरी के मास्टर कॉलोनी निवासी अमित पाठक ने पुलिस में शिकायत की थी कि कुछ लड़कों ने उनके आईडी, एड्रेस प्रूफ जैसे पेपर्स का इस्तेमाल करके क्रेडिड कार्ड बनवा लिया है और उसी कार्ड को एक पेट्रोल पंप पर स्वाइप कराकर 1 लाख 51 हजार 177 रुपए कैश करा लिए हैं. पुलिस ने इसी केस की जांच में दोनों जालसाजों को गिरफ्तार किया है.

ऐसे क्रेडिट कार्ड बनवाने के नाम पर लोगों को उल्लू बना रहे थे जालसाज

पुलिस ने बताया कि दोनों लड़के क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले एजेंट के तौर पर लोगों से संपर्क करते थे. इस दौरान लोगों से पहचान और पता के जो दस्तावेज मिलते थे उसे जमा करते थे. उसी पेपर से कुछ मोबाइल नंबर सिम खरीद लेते थे. क्रेडिट कार्ड के फॉर्म में वही मोबाइल नंबर डालते थे जो किसी और के पेपर पर उनलोगों ने खरीदे थे.

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फिर इनमें कुछ लोगों को ये कह देते थे कि बैंक ने उनका क्रेडिट कार्ड का एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया है जबकि वास्तव में उनका क्रेडिट कार्ड का आवेदन पास हो चुका होता था. बैंक से जब ये कार्ड उस आदमी के सही पते के लिए निकलता था तो वो उसे डाकघर या रास्ते से हथियाने की जुगाड़ लगाते थे. 

जिनके केस में वो सफल हो जाते थे उनके कार्ड को एक्टिव करने के बाद पेट्रोल पंप, ज्वैलरी शॉप जैसी दुकानों पर स्वाइप करके शॉपिंग या कैश करा लेते थे. मार्केट में काफी दुकानदार एक या दो परसेंट कमीशन पर क्रेडिट कार्ड से पेमेंट लेकर कैश हाथ में देते हैं. 

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गिरफ्तार लड़कों ने पुलिस को बताया है कि इन पैसों को वो मौज-मस्ती पर खर्च करते थे. दोनों की गर्लफ्रेंड भी हैं जिन पर ये पैसे लुटाया करते थे. दोनों पर कुछ उधार भी था जिसे दोनों ने क्रेडिट कार्ड की जालसाजी से बने पैसे से चुका दिया. इन लोगों ने पहले भी ठगी की घटनाएं कबूल की हैं.

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