मेरठ: 15 से 20 फीसदी बच्चों के बेसिक क्लीयर करने के लिए बनेंगे अलग सेक्शन

Smart News Team, Last updated: Thu, 5th Aug 2021, 12:36 AM IST
  • कोरोना काल के दौरान बंद स्कूल अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. पिछले साल स्कूल बंद रहने के कारण इस बार कई बच्चों के बेसिक को क्लीयर करना होगा. खासकर उन बच्चों के जो कि ऑनलाइन क्लास नहीं ले सके और जिन्हें सिलेबस समझ नहीं आया. ऐसे बच्चों के लिए अलग सेक्शन बनेंगे. ऐसे बच्चों की संख्या 15 से 20 फीसदी तक है.
बिहार के स्कूलों में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने पर बच्चे इसकी शिकायत संबंधित अधिकारी से कर सकेंगे.

मेरठ. कोरोना काल के दौरान बंद स्कूल अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. पिछले साल स्कूल बंद रहने के कारण इस बार कई बच्चों के बेसिक को क्लीयर करना होगा. शिक्षकों को मेहनत करनी होगी. खासकर उन बच्चों पर जो कि पूरे साल मोबाइल और लैपटॉप न होने के कारण ऑनलाइन क्लास नहीं ले सके और जिन्हें सिलेबस समझ नहीं आया. 

ऐसे बच्चों के लिए अलग सेक्शन बनेंगे. फिर बच्चों को उनके कोर्स से संबधित बेसिक को क्लीयर किया जाएगा. स्कूलों में ऐसे बच्चों की संख्या 15 से 20 फीसदी तक है. आईआईएमटी एकेडमी की प्रधानाचार्य डॉ. पारुल चौधरी का कहना है कि काफी लंबे समय बाद स्कूल खुलेंगे इसलिए कुछ बच्चों के जिनके कि बेसिक क्लीयर नहीं है, उनके लिए अलग से सेक्शन बनाने की तैयारी है.

प्रधानाचार्य डॉ. पारुल चौधरी ने आगे बताया कि यह बात बच्चों के बेसिक क्लीयर न होने की बात अभिभावकों ने बताई है. बच्चों के अभिभावकों ने आगे यह भी बताया कि उनके बच्चे ठीक से ऑनलाइन क्लास में सिलेबस को नहीं समझ पाए हैं. ऐसे बच्चों की सहायता की जाएगी. दीवान पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्या एके दुबे का कहना है कि यह जरुरी भी है कि बच्चों को सिलेबस ठीक प्रकार से समझाया जाए. स्कूलों में ऑनलाइन प्रॉब्लम डे भी रखा गया है. हर स्कूल ने अपने अपने स्तर पर यह तैयारी की है. 

सहोदय सचिव राहुल केसरवानी का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज में कुछ समस्याएं रही हैं, जिनके चलते कुछ बच्चों को समस्या रही, लेकिन यह प्रतिशत बहुत कम है. स्कूल में जब बच्चे आएंगे, तो इस समस्या का भी समाधान किया जाएगा. हर कक्षा के बच्चों का अलग सेक्शन बनाकर यह तैयारी की जाएगी.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें