विश्वविद्यालयों में कोर्स का हिस्सा बनी NCC, ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ायी जाएगी

Smart News Team, Last updated: Mon, 19th Apr 2021, 6:41 PM IST
विश्वविद्यालयों में एनसीसी अब पाठ्यक्रम का हिस्सा बन गई है. महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में इसे ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा. इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों शामिल रहेगा.देशभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, निजी विश्वविद्यालयों और ऑटोनॉमस विश्वविद्यालयों में जहां इस वक्त एनसीसी यूनिट दी गई हैं वहां यह कोर्स चलेगा.
विश्वविद्यालयों में एनसीसी अब पाठ्यक्रम का हिस्सा बन गई है.

मेरठ. स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई के साथ एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी का हिस्सा रहने वाली एनसीसी अब विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बन गई है. आपको बता दें कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को इलेक्टिव सब्जेक्ट की तरह की तरह एनसीसी पढ़ने को मिलेगी.इसके लिए थ्योरी और प्रैक्टिकल के घंटे तय भी रहेंगे. छात्रों द्वारा प्राप्त क्रेडिट बी और सी सर्टिफिकेट के लिए जुड़ेंगे. गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति में भी एनसीसी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश की गई थी. डायरेक्टर जनरल एनसीसी ने कोर्स तैयार करते हुए यूजीसी को भेजा था जिसे अब कुलपतियों को भेजा गया है. कोर्स च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम यानी सीबीसीएस मोड में रहेगा.

जानकारी के अनुसार देशभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, निजी विश्वविद्यालयों और ऑटोनॉमस विश्वविद्यालयों में जहां इस वक्त एनसीसी यूनिट दी गई हैं वहां यह कोर्स चलेगा. फिलहाल कैडेट्स की स्वीकृत क्षमता में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. कोर्स में थ्योरी और ट्रेनिंग के नियमों का कड़ाई से पालन होगा. आपको बता दें कि कोर्स में छह सेमेस्टर होंगे जिसमें 24 क्रेडिट रखे गए हैं. आठ क्रेडिट थ्योरी, छह प्रैक्टिकल और दस क्रेडिट कैंप के रहेंगे. पहले सेमेस्टर में कैंप के क्रेडिट तीसरे और दूसरे के पांचवें सेमेस्टर में जोड़े जाएंगे. कोर्स में 82 घंटे लेक्चर और 128 घंटे प्रैक्टिकल शामिल रहेंगे. इसके अलावा 38 घंटे सेना से जुड़े विशेषीकृत विषय में थ्योरी और 52 घंटे प्रैक्टिकल के शामिल होंगे.

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ज्ञात हो कि थ्योरी पेपर में राष्ट्रीय एकता एवं जागरुकता, व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता, सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास, एडवेंचर, पर्यावरण जागरुकता एवं संरक्षण, सीमा और समुद्री क्षेत्र, सशत्र सेनाएं, संचार, सैन्य इतिहास सहित विभिन्न विषय पढ़ाए जाएंगे. इसके अलावा प्रैक्टिकल में ड्रिल, फील्ड क्रॉफ्ट एवं बेटल क्रॉफ्ट, मैप रीडिंग, वेपन ट्रेनिंग, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि शामिल होगा. साथ ही कैम्प में शारीरिक प्रशिक्षण, ड्रिल, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, खेल, संस्कृति आदि सिखाया जाएगा.

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