मेरठ: ध्वनि प्रदूषण का पता लगाने के लिए बनेगा सोडार स्टेशन, सर्वे कार्य पूरा
- मेरठ में वातावरण में ध्वनि प्रदूषण की जांच करने के लिए सोडार स्टेशन की स्थापना होगी. इसके जरिए पता चलेगा कि वातावरण में कितना ध्वनि प्रदूषण है और कितनी ऊंचाई तक है.
मेरठ. मेरठ शहर में जल्द ही सोडार स्टेशन की स्थापना होगी. सोडार स्टेशन के जरिए पता चलेगा कि वातावरण में कितना ध्वनि प्रदूषण है और कितनी ऊंचाई तक है. कोरोना संक्रमण की वजह से यह काम कई महीनों से अटका हुआ था. शहर में स्टेशन की स्थापना के लिए फिर से सर्वे कराया जा रहा है. इस बार सर्वे की जिम्मेदारी सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) ने एनपीएल (नेशनल फिजिकल लैबोरेटरी) को दी है.
सोडार स्टेशन मेरठ में मोदीपुरम क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय पर लगाया जाएगा. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार का कहना है कि सोडार स्टेशन के जरिए वातावरण में हर लेवल की ध्वनि प्रदूषण का पता चल सकेगा. उन्होंने बताया कि अभी तक ध्वनि प्रदूषण को जमीनी स्तर पर ही नापा जाता था. सोडार स्टेशन स्थापित हो जाने के बाद हवा में कितनी ऊंचाई तक और किस लेवल का ध्वनि प्रदूषण है पता चल सकेगा.
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उन्होंने बताया कि वातावरण में लगातार ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है, इसका बढ़ना वातावरण के लिए ठीक नहीं है. ध्वनि प्रदूषण से लोगों की स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. डॉ. योगेंद्र कुमार ने बताया कि सोडार स्टेशन स्थापित करने के लिए एनपीएल की टीम ने सर्वे कार्य पूरा कर लिया है. उम्मीद है कि इस पर जल्द ही काम शुरू होगा. डॉ. योगेंद्र कुमार के मुताबिक अगले दो से तीन महीने में सोडार स्टेशन की स्थापना कर दी जाएगी.
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