मेरठ: जिसकी अपरहण और हत्या के आरोप में तीन को हुई जेल, किशोरी निकली जिंदा
- मेरठ में पुलिस की लापरवाही के कारण जिस किशोरी की हत्या और अपहरण के आरोप में तीन लोगों को जेल भेजा गया था वो किशोरी जिंदा निकली. किशोरी पिछले तीन महीने से मेरठ में ही रह रही है.

मेरठ। मेरठ में पुलिस की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. मामले में जिस किशोरी की हत्या और अपहरण के आरोप में तीन लोगों को जेल भेजा गया था वो किशोरी जिंदा निकली. किशोरी पिछले तीन महीने से मेरठ में ही रह रही है. मामले का खुलासा होने पर जांच अधिकारियों ने मामले को दबाने के लिए गुपचुप तरीके से बयान भी दर्ज करा लिए.
परीक्षितगढ़ पुलिस के मुताबिक 23 दिसंबर 2020 को बागपत के भट्ठा बस्ती खेकड़ा क्षेत्र की एक महिला ने अपनी 14 साल की बेटी की गुमशुदगी पुलिस में दर्ज कराई. मामले की जांच कर रहे दरोगा सत्यवीर सिंह ने खुलासा किया कि बागपत के ही कपिल ने अपने भाई अमित और अपने मामा बालेंद्र के साथ मिलकर 4-5 दिसंबर 2020 को किशोरी को अगवा कर लिया और उसे छुर्र गांव में रखा और उसके बाद किशोरी की हत्या कर उसकी लाश को गंगनहर में फेंक दिया.
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पुलिस ने अपहरण,हत्या और सबूत मिटाने के जुर्म में कपिल, अमित और बालेंद्र को 3 जनवरी को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया था.लेकिन 4 दिसंबर को वही किशोरी परीक्षितगढ़ में लावारिस मिली थी. शास्त्रीनगर के दिनेश शर्मा की सूचना के अनुसार उसे मेरठ के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में भर्ती करा दिया गया. 5 दिसंबर को एएचटीयू की दरोगा लतेश ने किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जहां से उसे वैश्य अनाथालय भेज दिया गया. अनाथालय में उसकी काउंसलिंग में ही यह राज खुला. बच्ची अभी अनाथालय में ही है.
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इस मामले की जानकारी मिलने पर मेरठ के एडीजी राजीव सबरवाल ने कहा कि जानकारी कराई जाएगी. अगर ऐसा है तो लापरवाही की गई है. जो भी दोषी होंगे उन पर लापरवाही की जाएगी. जिनको जेल भेजा गया है उनको बाहर लाया जाएगा.
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