16 करोड़ का फर्जी GST इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के केस में कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार
- विशेष इनपुट पर डेटा आधारित विश्लेषण करके डीजीजीआई मेरठ जोनल यूनिट के अधिकारियों ने एक साथ कई जगहों पर छापे मारे. सर्च ऑपरेशन के दौरान अफसरों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारोबार में लगी धोखाधड़ी करने वाली फर्मों के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया.

मेरठ. वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की मेरठ जोनल इकाई ने बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, यह कार्रवाई इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जी लाभ उठाने के मामले में हुई है. इस कार्रवाई में टीम ने मैसर्स पोद्दार इस्पात प्राइवेट लिमिटेड कोटद्वार के निदेशक और प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया. यह यह कार्रवाई 16.64 करोड़ रुपये के बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लाभ उठाने के मामले की गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक, विशेष इनपुट पर डेटा आधारित विश्लेषण करके डीजीजीआई मेरठ जोनल यूनिट के अधिकारियों ने एक साथ कई जगहों पर छापे मारे. सर्च ऑपरेशन के दौरान अफसरों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारोबार में लगी धोखाधड़ी करने वाली फर्मों के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया. अधिकारियों के मुताबिक, इन फर्मो के अस्तितविहीन पाए जाने से मैसर्स पोद्दार इस्पात प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बिना माल की आवाजाही के सिर्फ फर्जी बिलों के माध्यम से बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट लेना पाया गया. इस आधार पर कार्रवाई करते हुए डीजीजीआई मेरठ टीम ने मैसर्स पोद्दार इस्पात प्राइवेट लिमिटेड कोटद्वार के निदेशक आस मोहमद और प्रबंधक विभु ग्रोवर को सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 (1)(सी) के तहत गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध करने के आरोप में गिरफ्तार करने का दावा किया. सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तारी के डर से दोनों आरोपी काफी लंबे समय से फरार थे.
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बताया जा रहा है कि आरोपियों ने डीजीजीआई मेरठ जोनल यूनिट के अधिकारियों के समक्ष 23 अगस्त 2021 को पेश होकर माल की आवाजाही के बिना 26 फर्जी एवं अस्तित्विहीन फर्मो द्वारा जारी फर्जी इनवॉइस के माध्यम से 16.64 करोड़ रुपये के बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के लाभ उठाने के अपने अपराध को स्वीकार किया. यह फर्जी फर्मे मात्र बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट को पास करने के लिए बनाई गई थी. कभी भी इन फर्मो से माल का कोई भी लेन देन नहीं हुआ था. इस प्रकार मैसर्स पोद्दार इस्पात प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 16.64 करोड़ रुपये के टैक्स का गबन किया गया है. जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा है. दोनों आरोपियों को मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मेरठ के समक्ष पेश किया गया. कोर्ट से दोनों आरोपियों आस मोहमद और विभु ग्रोवर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
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