दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल का प्लेटफार्म स्क्रीन डोर ट्रायल, स्पीड के साथ फुल सेफ्टी

मेरठ. दिल्ली से मेरठ के लिए बन रही रैपिड रेल का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. एनसीआरटीसी ने स्क्रीन डोर का एक सफल ट्रायल किया है. मेट्रो ट्रैक पर आए दिन हादसे होते देख एनसीआरटीसी ने यह निर्णय लिया है कि इस रैपिड मेट्रो के हर स्टेशन पर स्क्रीन डोर की सुविधा होगी. साथ ही बताया जा रहा है कि दिल्ली-मेरठ रैपिड ट्रेन को इस तरह बनाया गया है कि आप सुरक्षित महसूस करते हुए तेज गति के साथ दिल्ली से मेरठ तक का सफर तय कर पाएंगे.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने ट्विट के माध्यम से इसकी जानकारी दी है. ट्वीट में उन्होंने कहा है कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल एनसीआर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को रफ्तार तो देगी ही, सफर अत्यधिक सुरक्षित होगा. इसके लिए एनसीआरटीसी की ओर हर स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इसी कड़ी में अब दिल्ली मेरठ कॉरिडोर के हर प्लेटफार्म पर स्क्रीन डोर लगाने का निर्णय लिया गया है. ऐसा दिल्ली मेट्रो के ट्रैक पर हादसों को देखते हुए किया गया है. रैपिड का सफर, सुरक्षित सफर के तहत ही योजना पर काम किया जा रहा है. शहरी विकास मंत्रालय के सचिव ने कहा कि यह प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन के तहत हो रहा है.
SBI Recruitment: 5000 से ज्यादा पदों पर SBI में निकली नौकरियां, ऐसे करें आवेदन
बता दें कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल में आप बाकी मेट्रो की तरह ही सुरक्षित महसूस करेंगे. इसकी हाई स्पीड से भी अब कोई खतरा नहीं होगा क्योंकि एनसीआरटीसी रैपिड रेल के हर स्टेशन पर स्क्रीन डोर लगाए जायेंगे. जिससे गलती से फिसलकर या खुद से आत्महत्या के मकसद से मेट्रो के सामने कूदने वाले हादसों से बचा जा सकेगा. एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि रैपिड रेल की रफ्तार मेट्रो ट्रेन से कहीं ज्यादा 160 कि.मी. प्रति घंटा होगी जबकि यह रेल हर पांच से 10 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होगी ऐसे में इसके ट्रैक पर यात्रियों की सुरक्षा का कहीं अधिक ध्यान रखना होगा।
अन्य खबरें
ब्लॉक प्रमुख चुनाव को लेकर CM का निर्देश, अधिकारियों को 11 जुलाई तक छुट्टी नहीं
जयपुर: लेट परीक्षा के खिलाफ RPSC के बाहर छात्रों का विरोध, सचिव को सौंपा ज्ञापन
मोदी सरकार कैबिनेट विस्तार: चिराग पासवान का पत्ता कटा, LJP से मंत्री तो कोर्ट..
चिराग पासवान बोले- नीतीश ने पापा का अपमान किया, चाचा पशुपति पारस गोद में जा बैठे