मेरठ: गंगा नदी में साइंटिफिक तरीके से डॉल्फिन सुसु की जा रही गिनती

Sumit Rajak, Last updated: Sun, 5th Dec 2021, 6:09 PM IST
  • मेरठ जनपद के हस्तिनापुर वन्य जीव विहार के अंतर्गत प्रवाहित होने वाली गंगा नदी में 5 और 6 दिसंबर को पांच टीमों के कुल 25 सदस्य नें डॉल्फिन सुसु की गणना साइंटिफिक रूप से की. इसके साथ ही इको सोनार तकनीकों से सतह के आसपास पाये जाने वाले डॉल्फिन की गणना की जा रही है. डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि डॉल्फिन गंगा नदी की सेहत और उसकी पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत का एक परिचायक है.
गंगा नदी में डॉल्फिन सुसु की गणना

मेरठ. गंगा नदी में पाई जाने वाली गंगा डॉल्फिन सुसु की गणना नए तरीके से की जा रही है. मेरठ जनपद के हस्तिनापुर वन्य जीव विहार के अंतर्गत प्रवाहित होने वाली गंगा नदी में 5 और 6 दिसंबर को पांच टीमों के कुल 25 सदस्य डॉल्फिन की गणना साइंटिफिक रूप से की. बता दें कि डॉल्फिन सुसु  को भारतीय एक्वेटिक एनिमल का दर्जा प्राप्त है. बताया जा रहा कि उसकी साइंटिफिक गणना उत्तर प्रदेश वन विभाग, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून एवं डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की संयुक्त पांच टीमों द्वारा नई पद्धति के आधार पर की जा रही है.

गंगा नदी में इस वर्ष डायरेक्ट साइटिंग के अलावा तकनीकी यंत्रों का उपयोग कर डॉल्फिन की तरंगों की स्टडी किया जा रहा है. इसके साथ ही इको सोनार तकनीकों से सतह के आसपास पाये जाने वाले डॉल्फिन की गणना की जा रही है. 

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मेरठ जनपद के हस्तिनापुर वन्य जीव विहार में प्रवाहित होने वाली गंगा नदी में पांच टीमों के कुल 25 सदस्य ने डॉल्फिन की गणना साइंटिफिक रूप से किया. 5और 6 दिसंबर को इसकी गणना की गई. डीएफओ राजेश कुमार ने  बताया कि डॉ. कुरैशी डब्ल्यूआईआई, शाहनवाज डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, फॉरेस्ट विभाग टीम इसमें शामिल है. साथ ही उन्होंने कहा कि डॉल्फिन गंगा नदी की सेहत और उसकी पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत का एक परिचायक के रुप में है. डॉल्फिन के साथ ही गंगा के इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में अन्य जीव भी गंगा की सेहत के रुप में दिखाई दिया है. बताया जा रहा कि तरह-तरह के जलीय जीवों की संख्या बढ़ने से डॉल्फिन के लिए ये क्षेत्र और भी बेहतर होगा.

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