पूर्व विधायक की भतीजी को विकास दुबे के गुर्गों ने दी जान से मारने की धमकी

Smart News Team, Last updated: Sat, 28th Nov 2020, 1:47 PM IST
  • मेरठ में पूर्व विधायक की भतीजी को विकास दुबे के साथियों ने अपहरण और हत्या की दी धमकी, पीड़िता ने कि डीएम से शिकायत, पीड़िता ने कई बार किया है उनके अवैध गतिविधियों का विरोध, नहीं मिल रहा विकास दुबे पर घोषित ईनाम का लेनदार
पूर्व विधायक की भतीजी को विकास दुबे के गुर्गों ने दी जान से मारने की धमकी

मेरठ: मेरठ में पूर्व विधायक की भतीजी और राज्य स्तर की बेसबॉल खिलाड़ी दौराला के चिरोड़ी गांव निवासी राज्यस्तरीय बेसबॉल खिलाड़ी मोना चौधरी पूर्व विधायक चंद्रवीर अहलावत की भतीजी हैं. उन्होने डीएम बालाजी से शिकायत करते हुए बताया कि विकास दूबे गैंग के सदस्यों ने उनको जान से मारने की धमकी दी है. बताया कि अवैध गतिविधियों का विरोध करने पर धमकी दी जा रहा है. फिलहाल, डीएम कार्यालय की ओर से पुलिस जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, दूसरी ओर कुख्यात विकास दूबे के नाम से पुलिस में खलबली मची हुई है.

मोना शुक्रवार को मेरठ डीएम कार्यालय पहुंचीं. मोना ने प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि गांव के ही रहने वाला मथनू कानपुर के अपराधी विकास दूबे गैंग का सदस्य है. मथनू और उसके दो भतीजे गांव में अवैध गतिविधि करते हैं. मोना ने बताया कि वह इन सब बातों का विरोध करती है. इसी खुन्नस में आरोपी अपहरण और हत्या की धमकी देते हैं. डीएम कार्यालय पर शिकायत देते हुए मोना ने सुरक्षा की मांग की है. मोना के साथ उनकी मां भी थी. मामले में एसपी सिटी और सीओ दौराला को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

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विकास दुबे पर घोषित 5 लाख इनाम का कोई लेनदार नहीं

बहुचर्चित बिकरू कांड के चार महीने बाद भी उज्जैन पुलिस विकास दुबे पर घोषित पांच लाख के इनाम का वास्तविक हकदार नहीं खोज पाई. इसकी तलाश के लिए कमेटी भी गठित की जा चुकी है, जिसमें फौरी तौर पर उज्जैन के उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भी सौंप दी गई है. वहां के पुलिस अफसरों का कहना है कि कुछ अन्य बिंदुओं पर जांच बाकी रह गई है. इसके चलते रिपोर्ट भेजने में कुछ वक्त और लगेगा. मजे की बात है कि कानपुर के वरिष्ठ अधिकारियों को इनाम से जुड़े किसी प्रस्ताव के बारे में जानकारी तक नहीं है. जबकि उज्जैन पुलिस का कहना है कि प्रस्ताव कानपुर से ही भेजा गया है. सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था.

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10 जुलाई को कानपुर लाते वक्त पुलिस ने किया था विकास दुबे का एनकाउंटर

कानपुर लाते वक्त सचेंडी के पास एनकाउंटर में पुलिस ने दस जुलाई को उसे मार गिराया था. शासन ने विकास पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. क्योंकि विकास को उज्जैन में पकड़ा गया था. इसलिए यह राशि वहां की पुलिस को देने की पेशकश की गई. अगस्त में उन्हें प्रस्ताव भेजा गया. इसके बाद उज्जैन पुलिस ने इनाम के वास्तविक हकदार की खोज के लिए तीन एडिश्नल एसपी की कमेटी गठित की। यह पता लगाना था कि विकास की गिरफ्तारी के संबंध में पहली सूचना किसकी थी. पुलिस की या मुखबिर तंत्र की या फिर महाकाल मंदिर के किसी कर्मचारी की. 15 दिन पहले उज्जैन के अधिकारियों ने कहा कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है और वह तय कर चुके हैं कि किसे इनाम की राशि मिलनी चाहिए. इसकी रिपोर्ट जल्द ही कानपुर पुलिस को सौंप दी जाएगी. दरअसल उज्जैन पुलिस को आशंका है कि इनाम का दावा करने में कहीं कोई कानूनी पेच न फंस जाए. इसी के चलते दावा करने से पहले सभी पहलुओं की जांच की जा रही है.

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उज्जैन के डीआईजी मनीष कपूरिया का कहना है कि रिपोर्ट लगभग तैयार हो गई थी लेकिन स्क्रूटनी में कुछ बिंदुओं पर अभी भी जांच बाकी रह गई है. उन्हें पूरा कराया जा रहा है. जल्द ही इस मामले में रिपोर्ट कानपुर पुलिस को भेज दी जाएगी.

अगर कोई प्रस्ताव जाएगा भी तो वह जिला पुलिस के स्तर से बनेंगे और मेरे यहां से मार्क होते हुए चला जाएगा. इस तरह का कोई प्रस्ताव मेरे संज्ञान में नहीं आया। न ही ऐसे किसी प्रस्ताव की जानकारी है.

जय नारायण सिंह, एडीजी जोन कानपुर

इस तरह का कोई प्रस्ताव उज्जैन पुलिस को नहीं भेजा गया है। शासन से कोई प्रस्ताव गया हो तो जानकारी नहीं है। मेरे संज्ञान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।

मोहित अग्रवाल, आईजी रेंज कानपुर

 

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