UP के किसानों ने कोरोना काल में आय दोगुनी करने का निकाला ये रास्ता, जानें तरीका

Smart News Team, Last updated: Thu, 3rd Jun 2021, 10:46 AM IST
  • वेस्ट यूपी के किसानों ने कोरोना काल में अपनी आय दोगुनी करने का एक नया रास्ता ढूंढ निकाला है. महामारी से बचने के लिए लोगों ने हल्दी का सेवन तेज कर दिया है. एंटीबॉयोटिक होने पर आयुर्वेद में इसकी बड़ी महत्वता है. मांग को बढ़ता देख किसानों ने हल्दी की खेती बड़े पैमाने पर शुरू कर दी है.
किसानों ने आय बढ़ुाने के लिए हल्दी की खेती बड़े पैमाने पर शुरू कर दी है.

मेरठ. कोरोना काल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने अपनी आय बढ़ाने के लिए नया तरीका ढूंढ निकाला है. कोविड के दौर में लोग हल्दी का सेवन अधिक कर रहे हैं. हल्दी को एंटीबॉयोटिक माना जाता है. इसलिए कोरोना काल में लोगों इस दूध और अन्य चीजों के साथ ले रहे हैं. ऐसे में हल्दी की मांग को बढ़ता देख वेस्ट यूपी के किसानों ने केले, गन्ने और आम के बागों में ही हल्दी की खेती शुरू कर दी है.

वेस्ट यूपी में हल्दी की खेती के इस नए प्रयोग पर मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय ने भी रिसर्च करना शुरू कर दिया है. हल्दी की बढ़ती मांग को देखते हुए किसानों ने अपनी आय को दोगुना करने के लिए इसे सहफसली के रूप में अपना लिया है. किसान मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय पहुंचकर हल्दी के बीज की डिमांड भी कर रहे हैं. कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों में हल्दी की फसल को लेकर उत्साह काफी बढ़ा है. 

कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार पश्चिमी यूपी के किसान गन्न के विकल्प के रूप में हल्दी को देख रहे हैं. हल्दी का उत्पादन इन दिनों काफी तेजी से बढ़ा है लेकिन इसके लिए एक समस्या भी है कि अभी प्रोसेसिंग यूनिट सरकारी लेवल पर नहीं है.  

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वैज्ञानिकों की सलाह पर किसान हल्दी की खेती बागों में कर रहे हैं. माना जा रहा है कि यह पहली बार है जब हल्दी की खेती पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर की जा रही है. वैज्ञानिकों के अनुसार अगर हल्दी की फसल अच्छी हुई तो किसानों की आय दोगुना होना पक्का है. 

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