आजादी के इस जश्न पर पढ़ें देशभक्ति का जज्बा जगा देने वाले ये स्लोगन
- 15 अगस्त हर भारतवासी के लिए बेहद ही खास माना जाता है. क्योंकि इस तारीख को 1947 में हमारे देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. ऐसे में ये दिन हमेशा याद दिलाता है कि कितनी मुश्किल से ये आजादी हासिल हुई है.

हमारा देश आज रविवार यानी 15 अगस्त को आजादी का 75वां साल सेलिब्रेट कर रहा है. हर भारतवासी के लिए ये दिन बेहद ही खास माना जाता है. मालूम हो अंग्रेजों कि गुलामी से 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी. वैसे इतनी आसानी से भारत को अंग्रेजों से छुटकारा नहीं मिला था. बल्कि कई वीर जवानों ने अपने प्राण की आहूति दी, जिसके बलिदान के कारण हम आजाद जिंदगी जी पा रहे हैं. ऐसे में कुछ स्लोगन ऐसे हैं, जिससे आपके अंदर देशभक्ति का जज्बा जग उठेगा. बता दें जब आजादी नहीं मिली थी उस दौरान भी इन स्लोकन का इस्तेमाल देशवासियों को मोटिवेट करने के लिए किया गया था.
बंकिमचंद्र चटर्जी ने वंदे मातरम स्लोगन दिया था
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तमु मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा स्लोगन दिया था.
महात्मा गामधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो का स्लोगन दिया था.
भगत सिंह ने इंकलाब जिंदाबाद स्लोगन दिया था.
लाला लाजपत राय ने मेरे सिर पर लाठी का एक-एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा स्लोगन दिया था.
बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा स्लोकगन दिया था.
चंद्र शेखर आजाद ने दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे स्लोगन दिया था.
अल्लामा इकबाल ने सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा स्लोगन दिया था.
सुभाष चंद्र बोस ने जय हिंद का स्लोगन दिया था.
रामप्रसाद बिस्मिल ने सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है स्लोगन दिया था.
लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान स्लोगन दिया था.
मदनमोहन मालवीय ने सत्यमेव जयते स्लोगन दिया था.
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