चाणक्य नीति: जीवन में सफल रहने के लिए अपनाए ये गुण,लक्ष्मी जी भी रहती हैं प्रसन्न
- चाणक्य नीति कहती है कि आलस एक ऐसा अवगुण है जो व्यक्ति को कभी सफलता प्राप्त नहीं करने देता है. आलस को अपनाने वाला व्यक्ति अवसरों का लाभ उठाने से वंचित रहता है.

आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब नीतिशास्त्र में जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं का जिक्र किया है. नीतिशास्त्र में ऐसी बातों के बारे में बताया है जिन्हें त्याग देना ही फायदेमंद होता है.अपने इस ग्रंथ के जरिए उन्होंने जीवन के हर समय आने वाली कठिनाओं के समाधन की ओर भी ध्यान दिलाया है. चाणक्य नीति में कहा गया है कि सुख की कामना करने के लिए हमें किन चीजों का त्याग करना होगा, एक राजा और प्रजा को कैसा व्यवहार करना चाहिए और जो भाग्य के सहारे चलता है उसका क्या होता है? आप भी जानिए चाणक्य नीति की ये कुछ महत्वपूर्ण बातें.
आलस-चाणक्य नीति कहती है कि आलस एक ऐसा अवगुण है जो व्यक्ति को कभी सफलता प्राप्त नहीं करने देता है. आलस को अपनाने वाला व्यक्ति अवसरों का लाभ उठाने से वंचित रहता है. ऐसे लोगों को आगे चलकर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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परिश्रम से घबराना- चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में यदि सफलता प्राप्त करनी है तो परिश्रम यानि मेहनत करने से कभी नहीं घबराना चाहिए जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें कभी सफलता प्राप्त नहीं होती है. ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी का भी आशीर्वाद नहीं मिलता है. परिश्रम के बिना सफलता संभव नहीं है. इस बात को अच्छे ढंग से समझने का प्रयास करना चाहिए.
नशा- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को हर प्रकार के नशे दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. नशा करने से सेहत के साथ मन और मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव डालता है. नशा करने वाले कभी भी कुशल श्रम का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. ऐसे लोगों को अन्य अवगुण भी घेर लेते हैं. नशे से दूर रहकर ही जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है. नशा करने वाले स्वयं की श्रेष्ठ प्रतिभा का भी लाभ नहीं उठा पाते हैं. नशे की लत से प्रतिभा भी नष्ट हो जाती है. लक्ष्मी जी भी ऐसे लोगों का त्याग कर देती हैं.
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