Diwali 2021: 4 नवंबर को इस समय से शुरू है शुभ मुहूर्त,जानें गणेश-लक्ष्मी की पूजन विधि

Priya Gupta, Last updated: Sat, 30th Oct 2021, 6:04 PM IST
  • दिवाली का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. धार्मिक दृष्टि से दिवाली की मान्यता है. इस दिन घर-घर मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली 4 को है लक्ष्मी गणेश पूजा शुभ मुहूर्त पर ही करें.
4 नवंबर को इस समय से शुरू है शुभ मुहूर्त

4 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी, दिवाली आने में महज कुछ ही दिन बचे हुए हैं. घर की सफाई और सजावट का काम शुरू हो चुका है. हर तरफ रौनक देखने को मिल रही है. दिवाली का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. धार्मिक दृष्टि से दिवाली की मान्यता है. इस दिन घर-घर मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है. दिवाली 4 को है लेकिन लक्ष्मी गणेश पूजा शुभ मुहूर्त पर ही करें.

लक्ष्मी पूजा बृहस्पतिवार, नवम्बर 4, 2021

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 06:09 पी एम से 08:04 पी एम

अमावस्या तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 04, 2021 को 06:03 ए एम बजे

अमावस्या तिथि समाप्त – नवम्बर 05, 2021 को 02:44 ए एम बजे

दिवाली पर क्या है खास?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिवाली 2021 के दिन चार बड़े ग्रह सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा तुला राशि में गोचर करेंगे. तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. इसलिए इस दिन दिवाली की पूजा विशिष्ट फलदायी होगी.

माता लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। ॐ जय लक्ष्मी माता‌।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता। उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।

 

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