मेरठ: लॉकडाउन के दौरान आवास विकास परिषद में अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट हुआ सख्त
- मेरठ. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में लॉकडाउन अवधि में आवास विकास परिषद की कालोनियों में 150 अवैध निर्माणों की कहि बात,हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान परिषद की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं ने इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए मांगा समय.
मेरठ। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की अवधि में हुए निर्माण को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हाईकोर्ट ने इस मामले में पक्ष रखने के लिए परिषद के अधिकारियों को तीन सप्ताह का समय दिया है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में लॉकडाउन अवधि में परिषद की कालोनियों में 150 अवैध निर्माणों की बात कही है. आवास विकास परिषद में लगातार धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं साथ ही शमन योजना 2020 में भू उपयोग परिवर्तन कर किए निर्माणों को कोई राहत नहीं दी गई है.
वही लॉकडाउन के समय में निर्माण कार्यो में और तेजी आ गई है. मेरठ सेंट्रल मार्केट समेत जगह-जगह आवासीय भूमि और मकानों में दुकानें और कांप्लेक्स बनाए गए हैं. कुछ का निर्माण अब भी जारी है. आपको बतादे के बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान परिषद की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं ने इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए समय मांगा. इस दौरान कोर्ट ने तीन सप्ताह बाद सुनवाई की तिथि निश्चित की है.
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आपको बतादे के मेरठ की सेंट्रल मार्केट की अधिकांश दुकानें आवासीय भूखंड पर बनी हैं. जिसमे वर्ष 2014 में और वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने ऐसे निर्माणों पर नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इसमें ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शामिल है. याचिकाकर्ता राहुल राणा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट के आदेशों का लगातार उल्लंघन हो रहा है. मेरठ आवास विकास परिषद की कालोनियों में दो हजार से अधिक अवैध निर्माण चार साल पहले चिन्हित किए गए थे. उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है.
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