Navratri 2021: मां दुर्गा की अष्ट भुजाओं में धारण इन शस्त्रों का ये होता है महत्व

Priya Gupta, Last updated: Tue, 5th Oct 2021, 10:44 AM IST
  • धार्मिक मान्यताओं में उन्हें सबसे शक्तिशाली देवी माना गया है. माना जाता है कि मां दुर्गा की दस भुजाएं भक्तों की सुरक्षा का प्रतीक हैं. जानिए मां दुर्गा की 10 भुजाओं में धारण इन दस शस्त्रों का महत्व.
अष्ट भुजाओं में धारण शस्त्र

नवरात्रि हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का पूजन अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है, जो कि नवमी तिथि तक चलता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं में उन्हें सबसे शक्तिशाली देवी माना गया है. माना जाता है कि मां दुर्गा की दस भुजाएं भक्तों की सुरक्षा का प्रतीक हैं. जानिए मां दुर्गा की 10 भुजाओं में धारण इन दस शस्त्रों का महत्व.

कुल्हाड़ी- भगवान विश्वकर्मा से मां दुर्गा को एक कुल्हाड़ी और कवच भी प्राप्त हुआ है. यह बुराई से लड़ने और किसी भी परिणाम से भय न होने का प्रतीक है.

त्रिशूल- माना जाता है कि मां दुर्गा को त्रिशूल भगवान महादेव द्वारा भेंट किया गया है. इस त्रिशूल की तीन तीक्ष्ण धार हैं, जो तीन गुणों का भी प्रतीक हैं. ये तमस, राजस और सत्व का प्रतीक हैं.

सुदर्शन चक्र- भगवान कृष्ण द्वारा मिला सुदर्शन चक्र भी मां का हथियार है. यह इस बात का प्रतीक है कि दुनिया देवी मां द्वारा नियंत्रित है और जो सृष्टि केंद्र है ब्रह्मांड उसके इर्द गिर्द घूमता है.

तलवार- यह शस्त्र भगवान गणेश द्वारा प्रदत्त किया गया है. यह ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है. तलवार बुद्धि की तीक्ष्णता का प्रतिनिधित्व करती है और उसकी चमक ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है.

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भाला- यह शुभता का प्रतीक है, जो भगवान अग्नि द्वारा मां को उपहार में दिया गया हैं. यह उग्र शक्ति का भी प्रतिनिधित्व करता है. यह गलत और क्या सही है और उसके अनुसार कार्य करने के बीच का अंतर जानता है.

वज्र- इंद्रदेव का उपहार वज्र, आत्मा की दृढ़ता, मजबूत संकल्प शक्ति का प्रतीक है. देवी दुर्गा अपने भक्त को अदम्य आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के साथ सशक्त बनाती हैं.

धनुष और बाण- धनुष और बाण पवनदेव और सूर्यदेव द्वारा दिए गए हैं, जो ऊर्जा के प्रतीक हैं. धनुष संभावित ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, वहीं तीर गतिज ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है. यह इस बात का भी प्रतीक है कि देवी दुर्गा ही ब्रह्मांड में ऊर्जा के सभी स्रोत को नियंत्रित कर रही हैं.

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