Ekadashi 2021: इस दिन है परिवर्तिनी एकादशी, जानें क्या है पूजा विधि और महत्व
- एकादशी के व्रत का हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. इस दिन विधि-विधान से जो भी व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. साथ ही सभी पापों का भी नाश होता है.

एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. दो बार एक महीने में एकादशी होती है. दो पक्षों में दो एकादशी पड़ती है. भाद्रमद महीने की शुरुआत 23 अगस्त से हो रही है. ऐसे में 17 सितंबर को शुक्ल पक्ष एकादशी और परिवर्तिनी एकादशी पड़ रही है. धार्मिक मान्यता ऐसी है कि शयन अवस्था में भगवान विष्मु इस दिन करवट बदलते हैं. ऐसे में स्थान परिवर्तन होता है, इसलिए इशे परिवर्तनी एकादशी कहा जाता है. कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं. पौराणिक कथा पर गौर करें तो भगवान विष्णु जो चतुर्मास की अवधि में योगनिंद्रा में सो रहे होते हैं वो करवट बदलते हैं. धार्मिक ग्रंथ में ऐसी मान्यता है कि विष्णु जी के वामन रूप की इस दिन पूजा की जाती है. भगवान वामन रूप में इस चार महीनों में पाताल की ओर निवास करते हैं.
ये है परिवर्तिनी एकादशी का महत्व
परिवर्तिनी एकादशी जो भाद्रपद में पड़ती है उसका बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. पौराणिक मान्यता ऐसी है कि जो भी एकादशी का व्रत रखता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. ये भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु के वामन अवतार की इस दिन पूजा होती है.वाजपेज्ञ यज्ञ के समान ही एकादशी व्रत का महत्व होता है. महाभारत में भी इसके बारे में वर्णन किया गया है. युधिष्ठिर और अर्जुन को भगवान कृष्ण ने परिवर्तनी एकादशी के बारे में बताया था. ये भी कहा जाता है कि लक्ष्मी जी की भी पूजा इस दिन की जाती है. जो लोग लक्ष्मी जी की पूजा परिवर्तिनी एकादशी के दिन करते हैं, उनके यहां धन की कमी कभी नहीं होती है.
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ये है परिवर्तिनी एकादशी की पूजा विधि
दशमी तिथि के दिन से ही परिवर्तिनी एकादशी के व्रत की शुरुआत हो जाती है. व्रत का संकल्प एकादशी के दिन ही शुभ मुहूर्त पर ही लिया जाता है.एकादशी के दिन सुबह स्नान कर लें, और भगवान विष्णु की अराधना करें. पीली वस्तुओं से भगवान विष्णु की पूजा करें. अपनी पूजा सामग्री में फल, तिल और तुलसी को शामिल करना बिलकुल भी ना भूलें. द्वादशी तिथि पर ही पूरे विधि-विधान के साथ व्रत का पारण करें. जो लोग एकादशी का व्रत विधि-विधान और श्रद्धा के संग रखते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है.
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