Pitru Paksha 2021: पितृपक्ष में अगर नहीं लगाएं पंचबली का भोग, तो पितर भूखे ही लौट जाएंगे
- हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत ही महत्व होता है. पितृ पक्ष के दौरान पित्तरों की आत्मा के शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. पितृ पक्ष के दौरान पंचबली भोग लागाना बेहद ही जरूरी होता है.

श्राद्ध को हिंदू धर्म में काफी महत्व दिया जाता है. पंचांग पर गौर करें तो अश्विन मास के शुरू होते ही श्राद्ध की शुरुआत हो जाती है. 20 सितंबर से इस बार श्राद्ध शुरू हो रहा है, इसे पितृ पक्ष के नाम से भी जाना जाता है. पितरों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष के दौरान तर्पण और श्राद्ध किया जाता है.ऐसा कहा जाता है कि अपने पितरों के लिए पितृ पक्ष में पंचबली भोग का कर्म जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि पंचबली भोग नहीं लगाया गया तो पितर नाराज हो जाते हैं, और भूखे ही चले जाते हैं. जिससे उनकी आत्मा भूखी ही रह जाती है. ये भी कहा जाता है कि पितर पंचबली भोग से प्रसन्न होकर अपने वंशजों को खूब आशीर्वाद देते हैं. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि ये पंचबली भोग क्या होता है.
क्या होता है पंचबली भोग
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि 5 विशेष प्राणियों को पितृ पक्ष में पितरों के संग श्राद्ध का भोजन कराए जानें का नियम होता है. ये कहा जाता है कि पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन करवा दिया गया, तो इनके द्वारा खाए गए अन्न से पितर तृप्त हो जाते हैं.
गौ बलि- पवित्रता की प्रतीक गौ माता को पितृ पक्ष में पहला भोग खिलाना चाहिए. जब गौ माता को भोग लगाएं तो मंत्र का स्मरण करना ना भूलें.
कुक्कुर बलि- शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि श्राद्ध के दौरान दूसरा भोग कुक्कुर यानि कुत्ते को जरूर खिलाना चाहिए.
काक बलि- पंचबली में काक यानि कौआ को तीसरा भोग लगाया जाता है. ये अन्न खाते हैं तो पित्र तृप्त हो जाते हैं.
देव बलि- देवत्व संवर्धक शक्तियों को पंचबलि का चौथा भोग लगाना चाहिए. ( ऐसे में ये भोग किसी छोटी कन्या या गाय को खिला सकते हैं)
पिपीलिकादि बलि- चीटियों को पंचबली का पांचवां भोग लगाना चाहिए.
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