Sawan Putrada Ekadashi 2021: आज इस मंत्र का करें जाप, होगी संतान की प्राप्ति
- सावन और पौष माह में शुक्ल पक्ष में एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा करने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है. आज पुत्रदा एकादशी पर इस मंत्र का जाप करने से निसंतान दंपती को संतान प्राप्ति होती है.

साल के हर साल के 12 महीने में कुल 24 एकादशी होती है और हरेक महीने दो एकादशी पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष एकादशी. सावन का महीना पूजा पाठ और सभी शुभ और विशेष कामों के लिए अच्छा माना जाता है. ऐसे में सावन मास में पड़ने वाली एकादशी भी सभी एकादशी में श्रेष्ठ मानी जाती है सावन महीने में शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी का भी खास महत्व है. आज 18 अगस्त को पुत्रदा एकादशी है. आज के लिए पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा अराधना करने से जीवन के सारे कष्ठ दूर होते हैं और निसांत को संतान की प्राप्ति होती है.
पत्रदा एकादशी, जैसा कि नाम से मालूम पड़ता है ये व्रत विशेषकर पुत्र प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है. इसलिए इस एकादशी व्रत को पुत्र देने वाली एकादशी भी कहते हैं. मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और संतान सुख से वंचित दंपती को संतान की प्राप्ति होती है. आइये जानते हैं पुत्रदा एकादशी के की पूजा विधि, मंत्र उच्चारण लेकर पारण के बारे.
इस दिन है पुत्रदा एकादशी, पुत्र प्राप्ति के लिए दंपति जरूर रखें ये व्रत
पुत्रदा एकादशी पूजा-विधि- आज सुबह उठकर पहले स्नान आदि करें. इसके बाद साफ कपड़े पहनें. पूजा से पहले भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए पुत्रदा व्रत और पूजा का संकल्प लें. अक्षत, चंदन, पीले फूल, केले, घी, गुड़ आदि से भगवान को भोग लगाएं और तुलसी पर जल चढ़ाएं. भगवान विष्णु की व्रत कथा सुनकर आखिर में आरती करें. पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखें और अगले दिन पारण करें.
पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण का समय- पुत्रदा एकादशी का व्रत 18 अगस्त को रखा जाएगा. इसके अलगे दिन अगस्त को सुबह पारण 06:32 से 08: 29 बीच व्रत का पारण किया जा सकता है. निर्धारित समय समय पर पारण कर पुत्रदा एकादशी व्रत को पूरा करें. ध्यान रहे पारण से पहले भगवान विष्णु को चढ़ाई गई वस्तुएं किसी ब्राह्मण को दान करें.
पुत्र प्राप्ति मंत्र- पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा अराधना करने के बाद बताए गए इस मंत्र का जाप करें. घार्मिक मानयाओं के अनुसार इस मंत्र का जाप करने से पुत्र की प्राप्ति होती है.
ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
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