स्वच्छता सर्वेक्षण 2020: लक्ष्य बड़ा और धीमी चाल, मेरठ इतना रखो ख्याल
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में देश के साथ में सबसे गंदे शहरों में शुमार मेरठ शहर के लिए 2021 में बेहतर प्रदर्शन करना कठिन साबित होने वाला है. इसके लिए नगर निगम के पास समय कम है और लक्ष्य बहुत बड़ा है.
मेरठ. स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान के तहत पहली व दूसरी तिमाही का दौर बीत चुका है. दिसंबर माह में तीसरी तिमाही का समय भी खत्म हो जाएगा. जनवरी माह से शहर में सर्वेक्षण टीम डेरा जमने लगेगा. कम समय और काम अधिक होने के चलते वर्ष 2021 के स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम में मेरठ शहर के नंबर वन आने की राह में रुकावटें अधिक नजर आ रही हैं.
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में नंबर वन के लिए नगर निगम के सामने घर घर कूड़ा एकत्रित करना बाजारों की सभी दुकानों पर डस्टबिन की अनिवार्यता तथा डस्टबिन में ही कूड़े डालने की बाध्यता नालों की सफाई तथा कचरा बहाने वालों पर अपेक्षित कार्रवाई शहर के कूड़ा घरों से नियमित कूड़ा निस्तारण के उचित प्रबंध विकसित करने, शहर में गीला व सूखा कचरा एकत्रीकरण के अलग-अलग व्यवस्था करने के अलावा जान के लिए जोखिम वाले कचरे का विशेष रुप से निस्तारण कराने की व्यवस्था करने जैसी चुनौतियां है.
मेरठ: एडवोकेट को मिला धमकी भरा लेटर, गोरक्षा सेवा दल बंद करने की चेतावनी
समय रहते यदि नगर निगम की ओर से इन चुनौतियों का व्यवस्थित रूप से निस्तारण नहीं कराया गया तो स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में शहर का नंबर वन लाने का सपना नगर निगम के लिए महज सपना ही बनकर रह जाने वाला साबित होगा.
इस संबंध में नगर आयुक्त मेरठ डॉक्टर अरविंद चौरसिया कहते हैं कि हमारा शहर स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में नंबर वन ही आएगा. इसके लिए नगर निगम की ओर से न केवल खाका तैयार कर लिया गया है बल्कि इस पर अमल भी करना शुरू कर दिया गया है.
अन्य खबरें
मेरठ: बच्चों ने गुल्लक तोड़ बनाया रावण का पुतला, कोरोना लिखकर करेंगे दहन
मेरठ: शारदीय नवरात्रि में तिथियों की घटा बढ़ी, 24 को नवमी तो 25 को विजयदशमी