Pradosh Vrat 2022: कब है साल का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

Pallawi Kumari, Last updated: Fri, 7th Jan 2022, 4:29 PM IST
  • साल 2022 का पहला प्रदोष व्रत 15 जनवरी रखा जाएगा. हिंदी पंचाग के अनुसार हर माह के दोनों पक्षों में पड़ने वाली त्रयोदशी को प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस बार शनिवार का दिन होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा.
प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत के दिन शिव भगवान की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. इस बार पौष मास की शुक्ल पक्ष की तिथि यानी 15 जनवरी को प्रदोष व्रत होगा. शनिवार का दिन होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. शनिवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ना काफी शुभ माना जाता है और इस दिन के पूजा का फल कई बढ़ जाता है. 

शास्त्रों के अनुसार शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर पूजा करने व व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही घर परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. खास बात यह है कि इस दिन पूजा करने से भगवान शिव और शिनदेव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइये जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व.

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प्रदोष व्रत पूजा विधि- 

सुबह उठकर स्नान करें और भगवान शिव का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें. सबसे पहले भगवान सूर्य को जल अर्घ्य दें. फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. पूजा में फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, भांग, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत जरूर चढ़ाएं. इस दिन शिव चालीसा का पाठ या शिव मंत्र का जाप करें. पूजा के बाद अंत में शिव जी की आरती अर्चना करें. इस दिन उपवास रखें और नकर का सेवन न करें. अगले दिन पूजा-पाठ के बाद व्रत खोलें.

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त-

तिथि- 15 जनवरी 2022, शनिवार

पौष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी प्रारंभ- रात 12 बजकर 49 मिनट

पौष, शुक्ल पक्ष त्रयोदशी समाप्त- 16 जनवरी सुबह 3 बजकर 27 मिनट

प्रदोष काल (पूजा मुहूर्त)- 15 जनवरी, शाम 7 बजकर 26 मिनट से 9 बजकर 26 मिनट तक

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