Navratri 2021 Kanya Pujan: नवरात्र में क्यों की जाती है कन्या पूजन, शास्त्रों में बताया गया इसका महत्व
- कन्या पूजन से मां दुर्गा अति प्रसन्न होती हैं. शास्त्रों में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कुमारी कन्या के पूजन का विधान बताया गया है.
शारदीय नवरात्रि पर नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक पूजा के कई नियमों का पालन किया जाता है. भारत में दुर्गा पूजा का बेहद महत्व है. माता रानी की भक्ति भाव से पूजा करने से सारी मनोकामना पूरी होती है. नवरात्रि में कन्या पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. कन्या पूजन से मां दुर्गा अति प्रसन्न होती हैं. शास्त्रों में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कुमारी कन्या के पूजन का विधान बताया गया है.
श्रीमद्देवीभागवत के प्रथम खण्ड के तृतीय स्कंध में 2 वर्ष की कन्या को 'कुमारी' कहा गया है. इनकी पूजा करने से भक्तों के दु:ख और दरिद्रता का दूर होती है. धन, आयु एवं बल में वृद्धि होती है. तीन वर्ष की कन्या को 'त्रिमूर्ति' कहते हैं. इनके पूजन से धर्म, अर्थ, काम की पूर्ति होती है. इसके अलावा धन और पुत्र-पौत्र की वृद्धि होती है. चार वर्ष की कन्या को 'कल्याणी' कहा गया है. इनके पूजन से विद्या, विजय, राज्य तथा सुख की प्राप्ति होती है.
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पांच वर्ष की कन्या को 'कालिका' कहा गया है. इनके पूजन से शत्रुओं का नाश होता है.
छह वर्ष की कन्या को 'चंडिका' कहा गया है. इनके पूजन से ऐश्वर्य और धन की प्राप्ति होती है.
सात वर्ष की कन्या को 'शाम्भवी' कहा गया है. इनकी विधि पूर्वक पूजा से लड़ाई एवं वाद-विवाद समाप्त होता है.
आठ वर्ष की कन्या को 'दुर्गा' का स्वरूप माना गया है. इनके पूजन से परलोक में उत्तम गति और साधना में सफलता प्राप्त होती है.
नौ वर्ष की कन्या को 'सुभद्रा' कहा गया है. इनके पूजन से जटिल रोगों का नाश होता है.
10 वर्ष की कन्या को 'रोहिणी' कहा गया है. इनके पूजन से सभी मनोरथ पूरे होते हैं.
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